नगर थाने के दारोगा से लाखों रुपयों की ठगी ..

सुरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति से बात हुई, जिन्होंने खुद को भभुआ जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला बताया. उसने बताया कि वह सीआरपीएफ का जवान है वह अपनी गाड़ी को 2 लाख 90 हज़ार रुपये में बेचना चाहते हैं. 







- नगर थाने में पदस्थापित हैं ठगी का शिकार दारोगा
- वाहन खरीदने के नाम पर धीरे-धीरे ठग लिए लाखों रुपये

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: ऑनलाइन हो रही पूरी दुनिया में अब साइबर ठगों का भी आतंक बढ़ गया है. हालात यह है कि साइबर ठग अब किसी को भी आसानी से चूना लगा दे रहे है. नगर थाना क्षेत्र में साइबर ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को आश्चर्य में डाल दिया है दरअसल, साइबर ठगों ने अबकी बार लोगों में जागरूकता का संचार करने वाले एक दारोगा को ही अपना शिकार बना लिया है. ठगों ने फेसबुक पर एक ऐड दिखा कर उसके माध्यम से स्कॉर्पियो खरीदने का प्रलोभनउ देकर उनसे 1 लाख 10 हज़ार रुपयों की राशि ठग ली है. 


मामले में संदर्भ में नगर थाने में पदस्थापित मधेपुरा  के पटोरी  थाना क्षेत्र के सिंहेश्वर गांव के निवासी पुलिस अवर निरीक्षक जयप्रकाश कुमार ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन देते हुए बताया है कि, उन्होंने फेसबुक पर एक ऐड देखा जिसमें एक स्कॉर्पियो गाड़ी रजिस्ट्रेशन नंबर बीआरओ 45 एच 005 को बेचे जाने की बात कही गई थी. ऐड में मोबाइल नंबर भी लिखा था जिस पर संपर्क करने पर किसी सुरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति से बात हुई, जिन्होंने खुद को भभुआ जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला बताया. उसने बताया कि वह सीआरपीएफ का जवान है वह अपनी गाड़ी को 2 लाख 90 हज़ार रुपये में बेचना चाहते हैं. उक्त व्यक्ति ने गाड़ी से संबंधित अपने कागजात भेजें तथा अनिल कुमार के नाम से फोन पे अकाउंट से उनके खाते में 1 रुपया भेजा और इसी फोन पे अकाउंट पर गाड़ी को बुक करने के लिए एडवांस के रूप में 10 हज़ार रुपये मंगवा लिए. 




दरोगा ने विश्वास में आकर उक्त अकाउंट में 10 हज़ार रुपये भेज दिए. पुनः तीन-चार दिन के बाद उनसे 12 हज़ार और मांगे गए, जिस पर उन्होंने तुरंत ही 12 हज़ार रुपये और भेज दिए. बाद में गाड़ी डिलीवरी के लिए 24 हज़ार 999 रुपये एवं बाद में तयशुदा रकम का आधा रुपया उनसे मांगा गया. इस प्रकार धीरे-धीरे कर उनसे कुल एक लाख 10 हज़ार रुपये की ठगी कर ली गई बाद में जब उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ तो उन्होंने इस बात की प्राथमिकी अपने ही थाने में कराई है.उन्होंने बताया है कि यह तीन लोगों का गैंग है. इसमें एक ने खुद को सीआरपीएफ का जवान दूसरे ने मेजर और तीसरे ने ड्राइवर बताया था. बहरहाल, दरोगा जी से हुई ठगी की चर्चा ना सिर्फ पुलिस महकमे बल्कि, आम लोगों के बीच भी जोरों-शोरों से हो रही है.







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