मुद्दे से भटकाने के लिए अलग-अलग पैंतरे चल रही सरकार: एनएसयूआई

युवाओं से 2 करोड़ नौकरी हर साल नौकरी देने का वादा किया था लेकिन, वास्तविकता एकदम उलट है अगर हम एनएसओ के 2019 के आंकड़े को देखे तो देश मे बेरोजगारी दर 6.5 फीसद थी लेकिन, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बाद परिस्थितियां और भी भयावह हो गई. रोजगार के नए अवसर तो अलग बात है जो लोग नौकरियां कर रहे थे वो भी अब बेरोजगार हो चुके है.







- प्रेस वार्ता में सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
- कहा, सरकार ने किया था करोड़ों युवाओं को नौकरी देने का वादा, पर रही फेल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार बार बार देश को मूलभूत मुद्दों से भटकाने के लिए नए-नए पैतरे चल रही है. लेकिन अब बहुत हो चुका है देश के युवा अब अपना फायदा और नुकसान भली-भांति समझ रहे है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के आह्वान पर पूरे भारत में एनएसयूआई ने बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर एक कार्यक्रम कर रहे है जिसका नाम "रोजगार दो या डिग्री वापस लो' है. यह कहना है एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक अनुराग राज त्रिवेदी का.



शनिवार को एनएसयूआई जिला कमिटी द्वारा देश मे छात्रो पर हो रहे मानसिक अत्याचार एवं देश मे बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर प्रेस वार्ता की गयी. प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय संयोजक अनुराग राज त्रिवेदी ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 में चुनाव जीतने के लिए युवाओं से 2 करोड़ नौकरी हर साल नौकरी देने का वादा किया था लेकिन, वास्तविकता एकदम उलट है अगर हम एनएसओ के 2019 के आंकड़े को देखे तो देश मे बेरोजगारी दर 6.5 फीसद थी लेकिन, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बाद परिस्थितियां और भी भयावह हो गई. रोजगार के नए अवसर तो अलग बात है जो लोग नौकरियां कर रहे थे वो भी अब बेरोजगार हो चुके है.

प्रेस वार्ता  में कार्यक्रम में जिला महासचिव सह कार्यालय प्रभारी विशाल खरवार, जिला महासचिव राम प्रतीक चौबे, दीपक राय, मोनू चौबे, विक्की अर्या मौजूद रहे.









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