आवास योजना का लाभ देने के लिए मुखिया ने दिव्यांग से मांगी रिश्वत ..

मांग पूरी न किए जाने पर मुखिया के द्वारा उन्हें अब तक इस योजना का लाभ नहीं प्रदान किया गया है जबकि, उनके बाद के लोगों के आवेदनों की स्वीकृति देते हुए उनके खाते में योजना की धनराशि भेज दी गई है. ऐसे में उन्होंने डीएम से आग्रह किया है कि वह मामले की जांच कराते हुए उचित कार्रवाई करें.
अपनी शिकायत लेकर डीएम के यहां पहुंचे दिव्यांग









- सिमरी प्रखंड के काजीपुर का है मामला
- जिला पदाधिकारी से किया गया हस्तक्षेप का आग्रह

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे सिस्टम में जहां अधिकारियों पर यह मनमानी के आरोप लगते रहते हैं वहीं, दूसरी तरफ जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि भी भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने से बाज नहीं आते, फिर चाहे सक्षम हो या असक्षम सभी से उनकी केवल एक ही उम्मीद होती है कि सरकार के द्वारा बिना किसी भेदभाव के मिलने वाली सहायता के लिए भी लाभुक उनकी नाजायज मांगों की पूर्ति करें.

ऐसा ही एक मामला सिमरी प्रखंड के काजीपुर में सामने आया है जहां मुखिया के 20 हज़ार रुपये रिश्वत की मांग पूरी न करने के कारण सोना लाल चौधरी नामक दिव्यांग व्यक्ति को वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है. इस संदर्भ में उक्त व्यक्ति ने जिला पदाधिकारी अमन समीर को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.



पीड़ित दिव्यांग का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए आवेदन दिया था. सूची में उनका नाम आने के बाद निवर्तमान मुखिया के द्वारा उन्हें बुलाया गया था और उनसे 20 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. मांग पूरी न किए जाने पर निवर्तमान मुखिया के द्वारा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं प्रदान किया गया है जबकि, उनके बाद के लोगों के आवेदनों की स्वीकृति देते हुए उनके खाते में योजना की धनराशि भेज दी गई है. ऐसे में उन्होंने डीएम से आग्रह किया है कि वह मामले की जांच कराते हुए उचित कार्रवाई करें.

बता दें कि भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर काजीपुर पंचायत सदैव चर्चा में रहा है. इसके पूर्व मुखिया रह चुके अख्तर अली को भ्रष्टाचार के मामलों के उजागर होने पर पंचायती राज विभाग के द्वारा पदच्युत किया गया था, जिसके बाद उनके स्थान पर उप मुखिया पदभार संभाल रहे हैं लेकिन, अब उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसका उदाहरण दिव्यांग के द्वारा लगाया गया आरोप है. ऐसे में देखना यह होगा कि जिलाधिकारी किस प्रकार उक्त दिव्यांग को न्याय दिला पाते हैं?









Post a Comment

0 Comments