बेहतरीन फायर प्रूफ सिस्टम से सुरक्षित होगा आपके वोट का प्रमाण ..

भवन में फायर फाइटिंग के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई है. इसके लिए छतों से लगाकर पानी की मोटी-मोटी पाइपें पूरे भवन में दौड़ाई गई हैं. बताया जा रहा है कि जैसे ही कमरे का तापमान तय से सीमा से अधिक होगा. तुरंत ही अलार्म बजने लगेगा और वॉटर सप्लाई स्वत: शुरू हो जाएगी तथा पाइपों में लगाए गए फव्वारे से निकलकर पानी आग बुझाने का काम शुरू कर देगा.






- 5 करोड़ की लागत से बना भवन, निर्वाचन विभाग को हस्तगत किए जाने की प्रक्रिया शुरु
- चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रखंड कार्यालय के समीप हुआ है निर्माण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: चुनाव के बाद सभी मतदान केंद्रों पर वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी कि वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया. बाद में इस मशीन को सुरक्षित रखने के लिए जिला मुख्यालय में एक विशाल गोदाम का निर्माण कराया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देश के अनुसार जिला मुख्यालय में 6 हज़ार वीवीपैट मशीन मशीन रखने की क्षमता वाला गोदाम बनाया गया है. सुखी अत्याधुनिक फायर ग्रुप सिस्टम से लैस है. इसके लिए प्रखंड मुख्यालय के समीप चिन्हित जमीन पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था जो कि अब लगभग पूरा हो चुका है तथा जल्द ही इसे विभाग को हस्तगत कर दिया जाएगा.


साढ़े 12 हज़ार स्क्वायर फीट है कुल एरिया 8 हज़ार स्क्वायर फीट में हुआ निर्माण:

वीवीपैट रखने के लिए बनाए जा रहे भवन का निर्माण 8 हज़ार स्क्वायर फीट एरिया में हुआ है. पूरे परिसर का क्षेत्रफल 12 हज़ार स्क्वायर फीट है. जानकारी देते हुए निर्माण एजेंसी पंकज कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट मैनेजर अभय कुमार ने बताया कि, तीन मंजिला इस भवन में सीढ़ी के साथ साथ रैंप भी बनाया गया है. जिसमें हॉल, डिलीवरी रूम तथा ऑफिस के साथ-साथ वीवीपैट सुरक्षित रखने के लिए कमरे बनाए गए हैं.


भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. सिंह ने बताया कि, इस भवन के निर्माण में तकरीबन 5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. चयनित एजेंसी पंकज कंस्ट्रक्शंस के द्वारा निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया है. कोरोना काल में भी निर्माण तेज़ गति से हुआ है.



फायर फाइटिंग की है बेहतरीन व्यवस्था:

इस भवन में फायर फाइटिंग के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई है. इसके लिए छतों से लगाकर पानी की मोटी-मोटी पाइपें पूरे भवन में दौड़ाई गई हैं. बताया जा रहा है कि जैसे ही कमरे का तापमान तय से सीमा से अधिक होगा. तुरंत ही अलार्म बजने लगेगा और वॉटर सप्लाई स्वत: शुरू हो जाएगी तथा पाइपों में लगाए गए फव्वारे से निकलकर पानी आग बुझाने का काम शुरू कर देगा.

हस्तगत किए जाने से की है तैयारी पर परिसर अपूर्ण है ईंट सोलिंग का काम:

इस भवन के बाहरी परिसर में अभी कुछ हिस्से में ईंट सोलिंग का कार्य अधूरा है. ऐसे में बरसात के दिनों में कुछ परेशानी हो सकती है हालांकि, कार्यपालक अभियंता बताते हैं कि इस भवन को हस्तगत किए जाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया गया है जल्द ही इसे विभाग को हस्तगत कर दिया जाएगा. स्टीमेट के अनुसार कार्य कर दिया गया है यदि कुछ कार्य अपूर्ण है तो उसके लिए पुनः स्टीमेट बनाकर स्वीकृति के पश्चात पूरा कराया जाएगा.



क्यों जरूरी है वीवीपैट:

वीवीपैट की व्यवस्था इसलिए की जाती है ताकि, किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में अपने वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके. भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यह मशीन 2013 में डिजाइन की थी. सबसे पहले इसका इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में 2013 में किया गया था. बाद में विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में इसका प्रयोग किया गया है. हालांकि, इसे सुरक्षित रखने की भी बात सामने आई थी जिसके बाद इस तरह के गोदामों को बनाए जाने की बात कही गई थी.

कहते हैं अधिकारी:

पांच करोड़ रुपये की लागत से वीवीपैट रखने के लिए गोदाम के भवन का निर्माण पूरा हो गया है. इसे हकीकत किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जल्द ही इसे हस्तगत कर दिया जाएगा.

ई.राजेश कुमार सिंह,
कार्यपालक अभियंता, 
भवन निर्माण विभाग








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