पुलिस के डंडे के आगे झूठा साबित हुआ एसपी का वादा ..

ई-रिक्शा वालों के द्वारा बेतरतीब ढंग से उनके वाहन को सड़क पर खड़ा करने के कारण जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. ऐसे में हमेशा की तरह पुलिसकर्मी ने लाठियां भाज ने शुरू की लेकिन, इस बार पुलिस की लाठी कुछ ज्यादा ही तेज चली और एक ई-रिक्शा चालक लहूलुहान हो गया. 

 






- पुलिस सप्ताह के दौरान डंडे से पीटकर ई-रिक्शा चालक को किया लहूलुहान
- बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों को हटाने के लिए पुलिसकर्मी ने अपनाया पारंपरिक तरीका

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: नगर के अंबेडकर चौक के समीप मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ जिससे लोक व्यवहार के प्रति दी जा रही झूठी दलीलों की पोल खुल गई. ट्रैफिक की जिम्मेदारी लेकर सड़क पर खड़े पुलिसकर्मी के द्वारा एक ई-रिक्शा चालक पर लाठियां चला दी गई. जिससे कि वह लहूलुहान हो गया. बताया जा रहा है कि ई-रिक्शा वालों के द्वारा बेतरतीब ढंग से उनके वाहन को सड़क पर खड़ा करने के कारण जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. ऐसे में हमेशा की तरह पुलिसकर्मी ने लाठियां भाज ने शुरू की लेकिन, इस बार पुलिस की लाठी कुछ ज्यादा ही तेज चली और एक ई-रिक्शा चालक लहूलुहान हो गया. उधर से गुजर रहे युवा नेता गिट्टू तिवारी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जिसके बाद पुलिसकर्मी अपनी गलती स्वीकार करते और माफी मांगते भी दिखे. कुछ युवाओं ने इसका वीडियो बनाया और वायरल कर दिया.





इस घटना पर सामाजिक कार्यकर्ता  तथा पूर्व वार्ड पार्षद डॉ. निसार अहमद  ने कहा कि, अधिकारियों द्वारा  जिले में पुलिस सप्ताह का आयोजन कर पब्लिक-पुलिस मैत्री की बातें कहीं जा रही हैं. पुलिस कप्तान का कहना है कि, थाने में अथवा किसी पुलिसकर्मी के समक्ष पहुंचने वाले आम लोगों के साथ बेहतर व्यवहार हो. उन्होंने यह भी कहा कि स्वयं को वह जनता की जगह रह कर सोचे लेकिन, पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस कप्तान की यह बात कहीं भी व्यावहारिक प्रतीत नहीं होती. दलील यह दी जाती है कि पुलिस अगर सख्ती नहीं बरते तो विधि-व्यवस्था के संधारण में मुश्किल आएगी. 

उन्होंने कहा कि लोक व्यवहार के संदर्भ में कोई अधिकारी कितनी भी दलीलें पेश करें लेकिन, सच्चाई यह है कि बड़े से लेकर छोटे अधिकारी सब गांधी जी की बातों को केवल किताबों तक ही रखना चाहते हैं.









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