*आत्मदाह करने पहुंचे शिक्षक कहा, "दूसरे के बच्चों को पढ़ाता हूं,अपने बच्चों की छूट रही पढ़ाई .."

आत्मदाह करने पहुंचे शिक्षक ने बताया कि शिक्षकों को पिछले तीन-चार माह के वेतन का भुगतान समेत अन्य भुगतान नहीं किया जा रहा है. ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. उन्होंने बताया कि उनके संवैधानिक एवं मानवाधिकार के अधिकारों को कुचला जा रहा है. सार्थक एवं जायज अधिकार मांगने पर समस्याओं को सुलझाने की बजाय डराने-धमकाने का काम किया जा रहा है. कोइ सुनने वाला नहीं है. 


 





- मान - मनौव्वल कर प्रशासन ने भेजा घर, डी.ई.ओ. ने भी बताई सिस्टम की मजबूरी
- बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के डुमरांव अध्यक्ष हैं मुक्तेश्वर प्रसाद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के डुमरांव अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने पहुंच गए. उन्होंने कहा कि 4 माह से उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है मांगने पर बार-बार अधिकारी ट्रक आते हैं ऐसे में एक तरफ जहां वह बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें एक शब्द और अच्छा नागरिक बनाते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके खुद के बच्चे हैं शिक्षा से वंचित हो जा रहे हैं उन्होंने कहा कि उनके समक्ष अब खाने के लाले पड़ गए हैं उधर जैसे ही इस बात की सूचना मिली विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई और मान - मनौव्वल कर पुलिस - प्रशासन ने उन्हें घर भेज दिया. शिक्षक ने कहा कि वह आजाद भारत में गुलामी जैसा महसूस कर रहे हैं । वहीं , जिला शिक्षा पदाधिकारी दिवेश कुमार चौधरी ने बताया कि नियमानुसार आवंटन आने के बाद सभी शिक्षकों को भुगतान किया जा रहा है.


आत्मदाह करने पहुंचे शिक्षक ने बताया कि शिक्षकों को पिछले तीन-चार माह के वेतन का भुगतान समेत अन्य भुगतान नहीं किया जा रहा है. ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. उन्होंने बताया कि उनके संवैधानिक एवं मानवाधिकार के अधिकारों को कुचला जा रहा है. सार्थक एवं जायज अधिकार मांगने पर समस्याओं को सुलझाने की बजाय डराने-धमकाने का काम किया जा रहा है. कोइ सुनने वाला नहीं है. जबकि, वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है. शिक्षक ने बताया कि उन्होंने इन्हीं सब बातों को लेकर आत्मदाह करने का निर्णय लिया था और आत्मदाह करने पहुंचे थे हालांकि, पुलिस प्रशासन के लोगों ने उन्हें रोक लिया. उधर, प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि आत्मदाह करन पहुंचे शिक्षक को समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया. दूसरी तरफ इस संबंध में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नियमानुसार सभी शिक्षकों को वेतन का भुगतान हो रहा है हालांकि, शिक्षक ने कहा कि वह आजाद भारत में गुलाम की तरह महसूस कर रहे हैं.












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