लॉकडाउन नहीं, लेकिन एक हफ्ते तक बंद रहेंगे स्कूल, 7 बजे के बाद केवल रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति ..

सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 18 अप्रैल तक बंद करने का फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशासनिक टीम को इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है. सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार के मुताबिक सीएम हाउस से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक दुकानों को खोलने पर भी आंशिक पाबंदी लगाई गई है.

 





- कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण सीएम ने लिया निर्णय
- कहा, लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसी स्थिति नहीं पर सतर्कता आवश्यक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर बिहार के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 18 अप्रैल तक बंद करने का फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशासनिक टीम को इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है. सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार के मुताबिक सीएम हाउस से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक दुकानों को खोलने पर भी आंशिक पाबंदी लगाई गई है.


क्या खुला रहेगा और क्या बंद:

12 अप्रैल से शैक्षणिक संस्थान नहीं खुलेंगे. एक और सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल बच्चे-बच्चियों को सेफ रखने के लिए स्कूलों को 18 अप्रैल तक बंद कराया गया है. 30 अप्रैल तक सभी दुकान और प्रतिष्ठान शाम 7 बजे तक ही खुलेंगे. हालांकि ये नियम रेस्तरां और होटल पर लागू नहीं होगा. सभी दुकान और प्रतिष्ठानों में मास्क लगाना जरूरी होगा. सैनिटाइजर भी जरूरी होगा. रेस्तरां, होटल और ढाबा क्षमता का 25 फीसद ही इस्तेमाल कर पाएंगे. सिनेमा हॉल में 50% सीटें ही इस्तेमाल होंगी. धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद रखे जाएंगे. सरकारी दफ्तरों में 33% की उपस्थिति होगी. प्राइवेट प्रतिष्ठानों को भी 33% के साथ दफ्तर खोलने की इजाजत है. शादी-विवाह में 200 जबकि श्राद्ध में 50 लोग शामिल हो सकते हैं.


बिहार में न तो कर्फ्यू और ना ही लॉकडाउन:

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'लॉकडाउन की चर्चा नहीं हुई है. नाइट कर्फ्यू को लेकर चर्चा की गई लेकिन इस पर आगे विचार किया जाएगा. फिलहाल जो निर्णय लिए गए हैं, इसका नतीजा देखते हुए आगे भी फैसले लिए जाएंगे. बिहार में फिलहाल 2020 वाली स्थिति नहीं है. 2020 में करीब 24 लाख लोग आए थे, जिनमें से 15 लाख लोगों को क्वारन्टीन किया गया था. फिलहाल वो स्थिति नहीं है, आगे नजर रखते हुए निर्णय लिए जाएंगे.'













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