जबरन स्कूल खोलने वाले संचालकों के विरुद्ध प्रशासन करेगा कठोर कार्रवाई ..

स्कूल तथा कोचिंग संस्थानों के प्रबंधक लगातार सरकार को यह चुनौती दे रहे हैं कि विद्यालय 12 अप्रैल से खोले जाएंगे ऐसे में जिला प्रशासन ने भी इसका जवाब दिया है साथ ही यह भी कहा है कि यह सूचना मिल रही है कि कई जगहों पर विद्यालयों का संचालन अभी भी किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार के फैसले के विरुद्ध जाने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. ऐसे विद्यालयों के प्रबंधन के विरुद्ध भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. डीपीआरपो ने बताया कि बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं दिया जाएगा.  

 






- सूचना सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने दी जानकारी
- कहा, बच्चों की सेहत से खेलने का हक किसी को नहीं


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिले में प्राइवेट स्कूल एंड वेलफेयर एसोसिएशन तथा प्राइवेट टीचर एसोसिएशन के द्वारा स्कूल व कोचिंग संस्थान खोले जाने को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन सरकार के नियमों को ना मानने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दे रहा है. सूचना सह जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने बताया कि जो भी निजी स्कूल अथवा कोचिंग संस्थान के नियमों का उल्लंघन करते हुए खुले मिलेंगे उनके संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.




बता दें कि, जिले समेत पूरे सूबे में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है. बावजूद इसके स्कूल तथा कोचिंग संस्थानों के प्रबंधक लगातार सरकार को यह चुनौती दे रहे हैं कि विद्यालय 12 अप्रैल से खोले जाएंगे ऐसे में जिला प्रशासन ने भी इसका जवाब दिया है साथ ही यह भी कहा है कि यह सूचना मिल रही है कि कई जगहों पर विद्यालयों का संचालन अभी भी किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार के फैसले के विरुद्ध जाने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. ऐसे विद्यालयों के प्रबंधन के विरुद्ध भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. डीपीआरपो ने बताया कि बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं दिया जाएगा. 











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2 Comments

  1. बच्चों के जीवन के साथ सरकार खेल रही है और अधिकारी कह रहे है कि स्कूल वाले खेल रहे है। तो अब लगता है बक्सर भी सासाराम बन जायेगा। सरकार चुनाव में लोगो के जिंदगी के साथ नही खेल रही है। शिक्षण संस्थान वाले ऐसे भी मर रहे है। तो लड़ के ही क्यों ना मरे।

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  2. अगर कर बंद ही रखना है तो शिक्षक का परिवार तो मर ही जायेगा। ऐसे में शिक्षकों के पास एक रास्ता नजर आ रहा है। ये सरकार को भली भाती पता है कि जब बेरोजगारी बढ़ती है तो क्या होता है।

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