बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण डॉक्टर राजेश का पूरा परिवार आइसोलेशन में है. उन्होंने बताया कि डॉ. राजेश चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में बक्सर में भी 2015 से 2018 तक सदर अस्पताल में पदस्थापित थे. बाद में उनका स्थानांतरण पटना हो गया, जिसके बाद उन्होंने पीएमसीएच में योगदान दिया था.
- बक्सर सदर प्रखंड के लालगंज के मूल निवासी थे डॉक्टर राजेश
- सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी समेत पीएमसीएच के डिप्टी डायरेक्टर का पद कर चुके थे सुशोभित
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: पीएमसीएच के डिप्टी डायरेक्टर रह चुके सदर प्रखंड के लालगंज के मूल निवासी डॉ. राजेश कुमार का पटना में कोरोना वायरस से लड़ते हुए निधन हो गया. वह तकरीबन 2 माह पूर्व सेवानिवृत्त हुए थे वही 5 दिन पूर्व उन्हें कोरोना वायरस के दिखाई दिए थे. कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने मंगलवार की सुबह आखिरी सांस ली.
लोजपा के युवा नेता तथा डॉ. राजेश के भतीजे सुप्रभात गुप्ता"बिट्टू" ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण डॉक्टर राजेश का पूरा परिवार आइसोलेशन में है. उन्होंने बताया कि डॉ. राजेश चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में बक्सर में भी 2015 से 2018 तक सदर अस्पताल में पदस्थापित थे. बाद में उनका स्थानांतरण पटना हो गया, जिसके बाद उन्होंने पीएमसीएच में योगदान दिया था. सुप्रभात ने बताया कि डॉ. राजेश के पिता डॉ. जगन्नाथ प्रसाद देश के ख्याति प्राप्त चिकित्सक थे. इंदिरा सरकार में शोध करने के लिए पांच देश के चिकित्सकों के साथ विदेश गए थे. वहीं, वह तथा उनके पांचों भाई चिकित्सा सेवा में ही हैं उनके बड़े भाई डॉ. मिथिलेश कुमार जो कि पटना पीएमसीएच में कैंसर विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट थे. उनका निधन पिछले वर्ष हुआ था जबकि, एक अन्य बड़े भाई डॉ. अवधेश कुमार का भी निधन हो चुका है. वह भी पीएमसीएच में कार्यरत थे. छोटे भाई डॉ. रत्नेश कुमार पीएमसीएच में
पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड ऑफ डिपार्टमेंट हैं तथा डॉ. ज्ञानेश कुमार अभी भी चिकित्सा सेवा में हैं. डॉ. राजेश कुमार अपने पीछे शोक संतप्त पत्नी, दो पुत्र तथा एक बेटी और दामाद सहित पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनके पुत्र बैंक तथा एक किसी निजी कंपनी में सीईओ हैं. पुत्री की भी शादी हो गई है. डॉ राजेश के निधन पर ग्रामवासियों समेत उनके जानने वालों के बीच शोक की लहर व्याप्त है.
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