वीडियो: विश्वामित्र हॉस्पिटल के चिकित्सक की सूझबूझ से बुजुर्ग ने कोरोना को हराया..

लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है, जिसमें कई संक्रमित मरीज संक्रमण की चपेट में आने के बाद ही चिकित्सकीय परामर्श पाकर स्वस्थ हो जा रहे हैं वहीं, कई लोग संक्रमण की भयावहता को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. बुरी तरह संक्रमण की चपेट में आने के बाद लोग अस्पताल की तरफ रुख कर रहे हैं.
स्वस्थ होकर घर जा रहे बुजुर्ग सूर्यनाथ सिंह

 





- संक्रमण से जंग जीतने के बाद घर को रवाना हुए बुजुर्ग
- पुत्रों ने भी दिखाई तत्परता बेंगलुरु से जाकर ले आए दवा


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में कोरोना संक्रमण काल दूसरा चरण शुरू हो गया है. ऐसे में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है, जिसमें कई संक्रमित मरीज संक्रमण की चपेट में आने के बाद ही चिकित्सकीय परामर्श पाकर स्वस्थ हो जा रहे हैं वहीं, कई लोग संक्रमण की भयावहता को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. बुरी तरह संक्रमण की चपेट में आने के बाद लोग अस्पताल की तरफ रुख कर रहे हैं ऐसे में अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही उनकी हालत काफी गंभीर हो जा रही है. 



ऐसा ही एक मामला दो-तीन दिन पूर्व नगर के गोलंबर के समीप स्थित विश्वामित्र हॉस्पिटल में आया जिसमें जिले के छोटका राजपुर के रहने वाले 60 वर्षीय सूर्यनाथ सिंह को उनके परिजन सीने में तेज दर्द एवं सांस लेने की तकलीफ एवं सर्दी खांसी के शिकायत पर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. जब बुजुर्ग की जांच करायी गयी तो वह कोविड-19 संक्रमित पाए गए, जिसके बाद विश्वामित्र अस्पताल में डॉ. राजीव झा के द्वारा उनका इलाज शुरू किया गया लेकिन, उनकी स्थिति में सुधार नहीं आ रहा था. उनका ऑक्सीजन लेवल 45-50 से ऊपर नहीं जा रहा था अब उन्हें वेंटिलेटर पर रखे जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही थी लेकिन, चिकित्सक के द्वारा सूझबूझ दिखाई गयी और सूर्यनाथ सिंह के परिजनों को एक दवा बेंगलुरु से अति शीघ्र मंगाने की बात कही गई, जिसके बाद उनके परिजन तुरंत ही फ्लाइट के माध्यम से बेंगलुरु गए और दवा की पूरी फाइल लेकर पहुंचे जिसके बाद चिकित्सक के द्वारा बुजुर्ग सूर्यनाथ सिंह को दवा दी गई और उनकी हालत में सुधार शुरु हो गई. 24 घंटे के अंदर वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए. 



विश्वामित्र हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. राजीव झा ने जानकारी देते हुए बताया कि 60 वर्षीय सूर्यनाथ सिंह कोविड-19 संक्रमित हैं. उनका ऑक्सीजन लेवल 40-50 से ऊपर नहीं बढ़ रहा था. अब उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत प्रतीत हो रही थी, जिसके बाद एक अंतिम कोशिश की गई और बेंगलुरु से एक दवा मंगाई गई. दवा काफी महंगी थी लेकिन, आजकल के दौर में जहां बच्चे बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में छोड़ दे रहे हैं वही सूर्यनाथ सिंह के पुत्रों ने तत्काल हवाई यात्रा कर बेंगलुरु से दवा को लेकर बक्सर पहुंचे जिसके सेवन के बाद 60 वर्षीय वृद्ध सूर्यनाथ सिंह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए. चिकित्सक ने बताया कि कोरोना से डरने की नहीं बल्कि, इससे निबटने की जरूरत है. इसके लिए दिन में आधा घंटे तक योग करने अथवा उसे बलून फुलाने जैसे कार्य आधे घंटे तक करनी चाहिए. जिससे संक्रमण से काफी हद तक प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होगी.
विश्वामित्र अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव झा


मीडिया कर्मियों से बात करते हुए 60 वर्षीय सूर्यनाथ सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें सीने में दर्द एवं सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. साथ ही साथ उन्हें सर्दी-खांसी भी थी, जिसके बाद उनके परिजनों के द्वारा उन्हें गंभीर स्थिति में बक्सर के गोलंबर रोड स्थित विश्वामित्र हॉस्पिटल में लाया गया, जहां चिकित्सक डॉ.राजीव झा के द्वारा अथक प्रयास एवं सूझबूझ का परिचय देते हुए उन्हें कोरोना संक्रमण जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त करते हुए उनकी जान बचाई. जिसके लिए उन्होंने विश्वामित्र हॉस्पिटल के चिकित्सक को साधुवाद भी दिया तथा उन्होंने कहा कि ऐसे ही चिकित्सकों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और सीने में काफी तेज दर्द हो रहा था ऐसे में अब धीरे-धीरे जिंदगी उनसे मुंह मोड़ रहे थी लेकिन, धरती के भगवान के द्वारा उनकी जान बचा ली गई.
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