डॉ दाउद अली ने बताया कि यह दवा रक्त में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है और कार्बोनिक एसिड बाहर निकालती है. यह औषधि सांस लेने वाले केन्द्रों में उत्तेजना फैलाकर फेफड़ों की नाड़ी में रक्त के जमाव को अथवा किसी प्रकार की बाधा को भी स्थाई तौर पर ठीक करती है. उन्होंने बताया कि इस पैंडेमिक की समस्या को हल करने के लिए आज भी होमियोपैथी सक्षम है.
अपने क्लीनिक में मरीज का इलाज करते डॉ. दाऊद अली |
- बिहार राज्य होम्योपैथिक संघ के अध्यक्ष के नेतृत्व में हुई वर्चुअल बैठक
- कहा, घबड़ने की जरूरत नहीं, होमियोपैथिक दवा लें
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार राज्य होमियोपैथिक संघ पटना के अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा सदस्य डॉ दाउद अली के निर्देशानुसार बक्सर जिला होमियोपैथिक संघ के साथ एक वर्चुअल बैठक की गई. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि आज के हालात में प्रायः सभी जगह आक्सीजन की कमी से अफरातफरी मची हुई है. लोग बीमारी से जूझ रहे हैं और रोज नए हादसे हो रहे हैं ऐसे में लोग बेवश होकर भटक रहे हैं.
ऐसी दशा में होमियोपैथिक चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि इस पैंडेमिक में कोविड नियमों का पालन करते हुए निडर होकर लोगों का इलाज करें तथा लोगों को जागरूक करें.
आक्सीजन की कमी से परेशान लोगों को लिए एस्पिडाॅस्पर्मा (Aspidosperma Q) का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई. इससे फेफड़ों को ताकत मिलती है. साथ ही साथ सांस लेने में भी राहत मिलती है. डॉ दाउद अली ने बताया कि यह दवा रक्त में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है और कार्बोनिक एसिड बाहर निकालती है. यह औषधि सांस लेने वाले केन्द्रों में उत्तेजना फैलाकर फेफड़ों की नाड़ी में रक्त के जमाव को अथवा किसी प्रकार की बाधा को भी स्थाई तौर पर ठीक करती है. उन्होंने बताया कि इस पैंडेमिक की समस्या को हल करने के लिए आज भी होमियोपैथी सक्षम है. सरकार यदि मदद लेना चाहे तो हम सदैव उसके साथ खड़े रहने को तैयार हैं.
इस संबंध में जिलाधिकारी महोदय से भी यह मांग करने की बात कही गई कि उक्त मेडिसिन को प्रशासन के स्तर से मंगाकर सभी अस्पतालों में वितरित किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत प्रदान की जा सके. बिहार राज्य होमियोपैथिक संघ के सचिव डॉ.बी.एल. प्रवीण ने कहा कि आवश्यकता के हिसाब से हमारे होमियोपैथिक संघ के सभी चिकित्सक प्रति दिन दो घंटे मुफ्त सेवा देने के लिए तैयार हैं. वर्चुअल मीटिंग में डॉ.अनीस अंसारी, डॉ. कुलभूषण, डॉ. संतोष केशरी, डॉ गोपाल सिंह एवं डॉ शिवशंकर सिंह ने हिस्सा लिया.
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