गजलगो के निधन पर साबित खिदमत फाउंडेशन व सामाजिक मंच ने दी श्रद्धांजलि ..

निदेशक ने कहा कि फाउंडेशन के सभी 34 सदस्यों की टीम ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह फैसला लिया है कि उनकी जगह को रिक्त रखा जाएगा फाउंडेशन के सचिव साबित रोहतास जी ने कहा कि अगले माह उनकी प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें सदा के लिए लोगों के दिलों में जीवित रखने का प्रयास किया जाएगा.





- फॉउंडेशन में उप सचिव के पद पर थे कुमार नयन
- पद को रिक्त रखने का लिया फैसला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: साबित खिदमत फाउंडेशन अस्पताल के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम में मुख्य उप सचिव कुमार नयन के निधन पर आपार दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना काल में उन्होंने जिस प्रकार अपनी टीम का हौसला बढ़ाया था उसके कारण फाउंडेशन ने ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की थी. उनके जाने से फाउंडेशन अनाथ हो गया है. निदेशक ने कहा कि फाउंडेशन के सभी 34 सदस्यों की टीम ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह फैसला लिया है कि उनकी जगह को रिक्त रखा जाएगा फाउंडेशन के सचिव साबित रोहतास जी ने कहा कि अगले माह उनकी प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें सदा के लिए लोगों के दिलों में जीवित रखने का प्रयास किया जाएगा. कुमार नयन के निधन पर सरकारी अधिवक्ता नंद गोपाल प्रसाद, बीबी उच्च विद्यालय की पूर्व प्राचार्य ह्रींगमणि प्रसाद, प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर, रेड क्रॉस के सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, पूर्व वार्ड पार्षद डॉ. निसार अहमद, जदयू नेत्री लता श्रीवास्तव, भाजयुमो नेता सौरभ तिवारी, कांग्रेस नेता डॉ. सत्येंद्र ओझा, राजद नेता गोविंद जायसवाल, वामपंथी नेता राजेश शर्मा, अंकित सिंह, विमल यादव आदि ने शोक व्यक्त किया है.




उधर, डुमरांव में कुमार नयन की याद में एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी लोगों ने अपने-अपने घरों से 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. शोक सभा में भाग लेने वाले लोगों में पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह, के पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर, भगवती लाल सुनील तिवारी, विनोद कुमार, अलीम हाशमी, अखिलेश केशरी, मो.अफरोज, बी.एल. प्रवीण, खुर्शीद आलम, अरुण विक्रांत, दशरथ प्रसाद विद्यार्थी, मोहन प्रसाद गुप्ता, सुरेश यादव, राजेंद्र यादव, सलाउद्दीन अंसारी, शिवजी पाठक, कमलेश प्रसाद, अनिल कुमार, पप्पू तिवारी आदि ने अपने उद्गार व्यक्त किए. "सब्ज आंखों को मेरी धूप का सहारा कर दो, चाहे जल जाऊं उजाला मगर गहरा कर दो, बजो तो इतनी जोरों से बजो ओ सितम की जंजीरों कि दुनिया सुने,  वरना मुझको भी बहरा कर दो .." कुमार नयन के लिखे इस शेर के साथ संयोजक प्रदीप शरण ने शोक सभा की समाप्ति की घोषणा की.










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