रखे-रखे खराब हो रहे संसाधन, खाली हाथ कोरोना की जंग लड़ रहे चिकित्सक ..

बताते हैं कि जिन मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो उनकी जान बचाने में वेंटिलेटर काफी सहायक सिद्ध हो सकता है. मरीज के पास काफी कम समय होता है, इसी दौरान उनके दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह देना होता है. चिकित्सक ने बताया कि शनिवार की रात को हुई महिला की मौत मामले में भी उसे तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट चाहिए था तब शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी.
ड्यूटी के दौरान पसीने से लथपथ डॉ. सुधीर कुमार

 





- डिब्बे में बंद हैं वेंटिलेटर, तड़प-तड़पकर मर रहे लोग
- प्रशिक्षित संचालकों के अभाव में नहीं हो पा रहा इस्तेमाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: संक्रमण से जंग लड़ने के लिए एक तरफ से जहां कई तरह के इंतजाम किए गए हैं वहीं बक्सर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने संसदीय क्षेत्र के जनता के लिए चार वेंटिलेटर पिछले वर्ष कोरोना काल मे दिए थे लेकिन, यह सभी वेंटिलेटर प्रशिक्षित संचालकों के अभाव में जस के तस रखे हुए हैं. बताया जाता है कि वेंटिलेटर जैसे उपकरण की वारंटी 1 साल की होती है. ऐसे में रखे-रखे वारंटी खत्म हो गई. चिकित्सक डॉ. सुधीर कुमार सिंह बताते हैं कि जिन मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो उनकी जान बचाने में वेंटिलेटर काफी सहायक सिद्ध हो सकता है. मरीज के पास काफी कम समय होता है, इसी दौरान उनके दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह देना होता है. चिकित्सक ने बताया कि शनिवार की रात को हुई महिला की मौत मामले में भी उसे तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट चाहिए था तब शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी.

कोरोना से जंग के लिए हैं पूरे इंतजाम: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र नाथ बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने के लिए उनके पास पूरे इंतजाम हैं. उन्होंने बताया कि, बक्सर में जहां जीएनएम कॉलेज में कोविड केंद्र बनाया गया है वहीं, डुमरांव में भी 500 बेड का कोविड आइसोलेशन सेंटर शुरु कर दिया गया है. वहां चिकित्सक, दवाएं तथा भोजन आदि की भी बेहतर व्यवस्था की गई है. इसके अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर तथा 100 कंसंट्रेटर हैं जिससे कि रोगियों की जान बचाई जा सके.

बहरहाल, कोरोना संक्रमण का प्रसार जिस प्रकार तेजी से हो रहा है तथा जिस प्रकार से धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों के दर पर मरीज दम तोड़ रहे हैं उसे देखते हुए एहतियात बरतना काफी जरूरी है. हम पाठकों से अपील करते हैं कि कोविड संक्रमण रोधी नियमों का अनुपालन करें.














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