इसी बीच सोमवार की शाम करीब एक दर्जन लोगों को भभुआ की तरफ से हमारी सीमा में शवों का जल प्रवाह करने हेतु प्रवेश कर रहे थे जिन्हें चेक पोस्ट पर रोका गया तथा उनके स्वजनों के शवों शवदाह कराया गया. ऐसे में यह स्पष्ट है कि शवों को यूपी का कहना उचित नहीं है.
- बक्सर तथा गाजीपुर के डीएम के अलग-अलग बयान
- शवों को अपना मानने से इनकार कर रहे हैं दोनों जिलाधिकारी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: संक्रमण काल में एक साथ दर्जनों की संख्या में गंगा में लाशों को बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद बक्सर तथा उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे "मेरा-तेरा" कह एक दूसरे के मत्थे मढ़ना शुरू कर दिया है. बक्सर के जिला पदाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को बताया कि जो भी लाशें गंगा से मिली हैं वह बक्सर जिले की ही हैं ऐसा कहना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश से यह लाशें बहकर बक्सर की सीमा में पहुंची है.
इस मामले में गाजीपुर जिले के जिला पदाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने उन शवों को अपना मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि, शव को गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा रही है. साथ ही पूरे हिंदुस्तान में कोई भी व्यक्ति कहीं पर जाकर शव को प्रवाहित कर सकता है. ऐसे में यह कहना कि शव गाजीपुर से या किसी अन्य जगह से आ रहे हैं उचित नहीं होगा.
पकड़े गए भभुआ से शवों को बहाने जा रहे लोग:
उन्होंने कहा कि रिवर पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है. इसी बीच सोमवार की शाम करीब एक दर्जन लोगों को भभुआ की तरफ से हमारी सीमा में शवों का जल प्रवाह करने हेतु प्रवेश कर रहे थे जिन्हें चेक पोस्ट पर रोका गया तथा उनके स्वजनों के शवों शवदाह कराया गया. ऐसे में यह स्पष्ट है कि शवों को यूपी का कहना उचित नहीं है.
दफ़न हुए 71 शव:
इसके पूर्व बक्सर में जिला पदाधिकारी अमन समीर एसपी नीरज कुमार सिंह समेत तमाम अधिकारी सोमवार की रात महादेवा घाट एवं उसके आसपास के घाटों पर पहुंचे और गंगा से निकाले गए कुल 71 शवों के डीएनए टेस्ट एवं कोविड-19 टेस्ट लिए नमूने लेकर उन्हें लैब में भेजा. दूसरी तरफ बरामद शवों को गंगा के किनारे ही दफन कर दिया. एसपी नीरज कुमार सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि लोगों की मृत्यु कैसे हुई है इसकी जांच की जाएगी. इस बात की भी जांच की जा रही है कि शव यहां कैसे पहुंचे? भौगोलिक दृष्टिकोण से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीमा से अपने जिले की सीमा में पहुंचे हैं. हालांकि, मामले की जांच पूरी होने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी.
ड्रोन कैमरे से भी होगी निगरानी:
प्रशासनिक सूत्रों की माने तो ड्रोन कैमरे से भी घाटों की निगरानी करने की तैयारी की जा रही है. यह करने से यह बात साफ हो जाएगी कि शव कहां से बहाएं जा रहे हैं?
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