संगमेश्वर गंगा घाट के समीप 'शव प्रवाह' की सूचना पर जांच को पहुंची गंगा समग्र की टीम ..

वहाँ से निकलने के बाद गंगा समग्र की टीम ने महादेवा घाट, रानी घाट और मल्लाह घाट पर पहुँच कर स्थानीय लोगों से वर्तमान हालातों की जानकारी ली गई और गंगा समग्र से जुड़कर गंगा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए सहयोग करने का आग्रह भी किया गया.






- घाटों की निगरानी के साथ विद्युत शवदाह गृह बनाने की रखी मांग
- 4 सदस्यीय टीम ने सुबह 7 बजे किया घाट का मुआयना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गंगा सप्तमी के अवसर पर मंगलवार को गंगा समग्र की टीम द्वारा बक्सर और चौसा के कुछ महत्वपूर्ण घाटों का औचक निरीक्षण किया गया. सेंट्रल जेल स्थित संगमेश्वर घाट पर शव के जलप्रवाह की सूचना  मिलने पर गंगा समग्र के जिला संयोजक हरिशंकर गुप्ता की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम मंगलवार को प्रात: 7 बजे संगमेश्वर घाट पहुँचा. जहाँ पर गंगा किनारे दर्जनों रामनामी चादर और बांस की टिकट्ठियां बिखरी मिली. इस विषय में जब गंगा समग्र की टीम ने स्थानीय लोगों से पूछा तो लोगों ने बताया सुनसान इलाका होने के कारण यहाँ घाटों पर अभी भी शव का जलप्रवाह बेरोकटोक जारी है. वहाँ आधे घंटे रुकने के बाद टीम चौसा के श्मशान घाट पहुंची. जहाँ घाट पर सफाई का आभाव दिखा. वहाँ पर श्मशान घाट की निगरानी  कर रहे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि  अभी भी चौसा के गंगा में बहती हुई लावारिस लाशें मिल रही हैं. उन्होंने बताया कि एक दिन पूर्व यहां आठ ऐसी लावारिस लाशें मिली थी. वहाँ से निकलने के बाद गंगा समग्र की टीम ने महादेवा घाट, रानी घाट और मल्लाह घाट पर पहुँच कर स्थानीय लोगों से वर्तमान हालातों की जानकारी ली गई और गंगा समग्र से जुड़कर गंगा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए सहयोग करने का आग्रह भी किया गया.




घाटों के निरीक्षण के दौरान सदस्यों को तमाम कमियां देखने को मिली. इस पर गंगा समग्र के जिला संयोजक हरिशंकर गुप्ता ने जिला प्रशासन से नगर के सेंट्रल जेल स्थित संगमेश्वर घाट पर  चौकसी बढाने का आग्रह किया गया. साथ ही बक्सर और चौसा में अविलंब विद्युत शवदाह गृह लगाने व घाटों पर शेड की व्यवस्था, प्रकाश की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, सफाई की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था सहित तमाम अन्य व्यवस्था करने की मांग की. घाटों का निरीक्षण करने वालों में गंगा समग्र के जिला संयोजक हरिशंकर गुप्ता के अतिरिक्त जिला सह संयोजक अजय वर्मा, आदित्य चौधरी, अमरनाथ जायसवाल एंव भरत पांडेय प्रमुख रहे.








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