पुलिस की पिटाई से घायल मजदूरों ने की हड़ताल, समझाने- बुझाने पर माने ..

इस बात की सूचना मिलने पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र प्रभाकर, एसडीएम हरेंद्र राम और एसडीपीओ के.के. सिंह ने मजदूरों को समझा-बुझाकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. उसके बाद सभी मजदूर काम पर लौट गये. पुलिस के खिलाफ बीएसएफ़सी के मजदूरों में आक्रोश का माहौल देखा गया. 


 





- खाद्यान्न आपूर्ति कर लौटने के क्रम में हुई थी पिटाई
- एक मजदूर का हाथ टूटा कई हुए घायल


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: बुधवार को डुमरांव पुलिस के द्वारा राज्य खाद्य निगम के मजदूरों को पिटाई का मामला तूल पकड़ने लगा है. इस पिटाई के बाद सुदामा कुमार नामक एक मजदूर का हाथ टूट गया जबकि, संत कुमार, विनय कुमार, विनोद राय, भूषण कुमार और उमेश कुमार सहित अन्य मजदूरों पर पुलिस ने बेरहमी से डंडे बरसाए. जिसके बाद यह सभी मजदूर जख्मी हो गए. इसको लेकर आक्रोशित मजदूरों ने खाद्यान्न ढुलाई और आपूर्ति में अड़ंगा लगाते हुए हड़ताल कर दी.

गुरुवार को दूसरे दिन भी बीएसएफ़सी के आक्रोशित मजदूर हड़ताल पर बैठ कर दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग पर अडिग रहे. हालांकि इस बात की सूचना मिलने पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र प्रभाकर, एसडीएम हरेंद्र राम और एसडीपीओ के.के. सिंह ने मजदूरों को समझा-बुझाकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. उसके बाद सभी मजदूर काम पर लौट गये. पुलिस के खिलाफ बीएसएफ़सी के मजदूरों में आक्रोश का माहौल देखा गया. 



मजदूरों ने समझाने बुझाने पहुंचे अधिकारियों को बताया कि डुमरांव थाने में पदस्थापित पुलिस अधिकारी अजय पांडेय के द्वारा यह जानकर भी कि सभी राज्य खाद्य निगम के खाद्यान्न होने वाले मजदूर हैं और पीडीएस दुकानदार के यहां से खाद्यान्न आपूर्ति कर लौट रहे हैं. इसके बाद भी उनकी पिटाई की गई जबकि मजदूरों के द्वारा बार-बार विनती पूर्वक आग्रह किया गया कि वह गरीब लाभुकों को खाद्यान्न आपूर्ति करके आ रहे हैं. मजदूरों ने अपना परिचय पत्र भी दिखाया और वाहन पर बक्सर अत्यावश्यक सेवा का बोर्ड भी लगा था. बावजूद इसके मजदूरों की बात को दरकिनार कर उनकी पिटाई की गई. 

इस बात को लेकर सभी मजदूर दूसरे दिन भी हड़ताल पर बैठ गए. मजदूरों से काम पर लौटने के लिए जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा अपील भी की गई लेकिन, मजदूर दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग पर अड़े रहे. डीएम और एसडीपीओ ने मामले में पुलिस की कार्यशैली की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही. जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी से इस मामले में लिखित शिकायत और दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद सभी मजदूर काम पर लौटे. 

क्या है मामला?:

दरअसल, बुधवार को राज्य खाद्य निगम का नाम लेकर मजदूर कोरानसराय थाना क्षेत्र के गांव गांव में गए थे वहां खाद्यान्न की आपूर्ति देकर डुमरांव लौट रहे थे. इस दौरान थाना के समीप पुलिस के द्वारा खाद्यान्न आपूर्ति वाली गाड़ी रोक कर उस पर बैठे मजदूरों की जमकर पिटाई कर दी गई. दरअसल, ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को यह लगा कि यह लोग सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन कर लॉकडाउन में बेवजह घूम रहे हैं जबकि, खाद्यान्न आपूर्ति वाहन पर बैठे लोगों के द्वारा खुद को राज्य खाद्य निगम का मजदूर बताया गया था, बावजूद इसके पुलिस के द्वारा पिटाई की गई.








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