लेफ्टिनेंट बन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने जिले के दो युवा ..

महर्षि विश्वामित्र की नगरी बक्सर ने देश और दुनिया को एक से बढ़कर एक रत्न प्रदान किए हैं जो देश और विदेश में जिले की कीर्ति पताका फहरा रहे हैं. ऐसे ही दो युवाओं ने सेना में लेफ्टिनेंट बन जिले का नाम देश भर में रोशन किया है.


 




- राजपुर के रहने वाले हैं विकास, बलिहार के अजय 
- अपने जिले के लाल के लेफ्टिनेंट बनने पर गौरवान्वित हैं सभी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  महर्षि विश्वामित्र की नगरी बक्सर ने देश और दुनिया को एक से बढ़कर एक रत्न प्रदान किए हैं जो देश और विदेश में जिले की कीर्ति पताका फहरा रहे हैं. ऐसे ही दो युवाओं ने सेना में लेफ्टिनेंट बन जिले का नाम देश भर में रोशन किया है.

राजपुर गांव के विकास कुमार सिंह एनडीए की पढ़ाई एवं ट्रेनिंग पूरी की अब वह सेना में एक लेफ्टिनेंट पद पर चयनित हुए हैं. उनके चयन के बाद परिजनों के साथ साथ पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है. राजपुर गांव के विपिन बिहारी सिंह के पुत्र विकास जब ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट बन अपने जिले में लौटे तो स्थानीय रेलवे स्टेशन पर परिजन एवं गांव के लोगों के द्वारा उनको फूल-मालाओं से लाद कर स्वागत किया गया.


परिजनों ने बताया कि विकास की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा अपने गांव से ही हुई है. उसके बाद उन्होंने नौवीं से बारहवीं तक सैनिक स्कूल कुंजपुरा हरियाणा से अपनी पढ़ाई पूरी की. फिर एनडीए में चयन होने के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे से 3 साल एवं 1 साल की ट्रेनिंग इंडियन मिलट्री अकैडमी देहरादून से पूरी की जिसके बाद लेफ्टिनेंट पद के लिए चयन हुआ. अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए उन्होंने  कहा कि मेरे माता-पिता का अहम योगदान मुझे इस मुकाम को हासिल करने में रहा है.

विकास की सफलता पर उनके बड़े पिता राम अवध सिंह ने बताया कि, विकास की कड़ी मेहनत और पक्का इरादा उनकी इस सफलता का राज है. उन्होंने बताया कि विकास के बड़े भाई नितेश कुमार सिंह सीआरपीएफ में अपना योगदान दे रहे हैं जबकि नवीन कुमार सिंह इंजीनियर हैं. जबकि अन्य दो भाई बृजेश कुमार सिंह और आयुष सिंह सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं.

अजय मिश्रा ने संघर्षों से पाई सफलता:

सिमरी प्रखंड के बलिहार पंचायत के बड़कागांव दक्षिण टोला के निवासी अजय कुमार मिश्रा, पिता- स्व.अशोक मिश्रा ने प्रथम प्रयास में ही अपनी लगन और कठिन परिश्रम के कारण सेना में लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त किया है. अजय के पिताजी एक किसान थे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. अजय तीन भाइयों में सबसे बड़े बड़े हैं. इनके दूसरे भाई अभय मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं जबकि, सबसे छोटे भाई भी सैनिक स्कूल से एनडीए की तैयारी कर रहे हैं.


अजय के भाई अभय मिश्रा ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही सरकारी विद्यालय से पांचवी कक्षा तक हुई थी. बाद में उनकी प्रतिभा को भांपते हुए पिताजी ने नैनीताल के घोड़ाखाल स्थित सैनिक स्कूल में दाखिला दिलाया जहाँ से मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह एनडीए परीक्षा की तैयारियों में जुट गए. पहली बार के प्रयास में ही अजय ने सफलता हासिल कर ली. अभय ने बताया कि आज उनके बड़े भाई की सफलता से गाँव-घर के लोग भी गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जन्मतिथि में मामूली गलती को लेकर अजय मिश्रा ज्वाइन नहीं कर पा रहे थे. इस बात की शिकायत लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद उन्हें न्यायालय के आदेशानुसार सम्मानपूर्वक लेफ्टिनेंट का पद दिया गया. अजय की पहली पोस्टिंग पंजाब के फिरोजपुर में की गई है










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