बताया कि, श्याम रथी देवी ने अपनी बुद्धि और कौशल से आजादी की लड़ाई में महज 12-13 वर्ष की उम्र में ही कूद पड़ी. उन्होंने आजादी के आंदोलन में वानर सेना का काम किया था. वह स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्हें सरकार के द्वारा पेंशन मिलती थी इसलिए प्रशासन को ऐसे सेनानी की सुध लेनी चाहिए थी.
- शोक संतप्त परिवार से मिले कांग्रेसी नेता, बैठक कर दी श्रद्धांजलि
- कहा, प्रशासन को लेनी चाहिए कि महान स्वतंत्रता सेनानी की सुध
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले की एकमात्र महिला स्वतंत्रता सेनानी श्यामरथी देवी का निधन विगत एक सप्ताह पहले हो गया. स्वतंत्रता सेनानी रहते हुए गुमनाम की जिंदगी जीने वाली श्याम रथी देवी की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि हो सकी. उनके निधन की ख़बर भी अन्य लोग नहीं जान सके. यह कहना है कांग्रेस के प्रदेश सचिव कामेश्वर पांडेय का.
उन्होंने बताया कि आज जब हम कांग्रेस जनों को इसकी जानकारी मिली तो उनके घर जाकर शोक संतप्त परिवार से मिले. उन्होंने बताया कि श्याम रथी देवी का निवास जिला मुख्यालय स्थित नालबंद टोली में है. जहां कई कांग्रेसी नेता पहुंचे और उनके शोक संतप्त परिवार से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की. उन्होंने बताया कि इसके अलावे चरित्रवन स्थित मनोहर मिल हाता में एक शोक सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी सदस्यों ने 2 मिनट खड़े होकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
श्री पांडेय ने बताया कि, श्याम रथी देवी ने अपनी बुद्धि और कौशल से आजादी की लड़ाई में महज 12-13 वर्ष की उम्र में ही कूद पड़ी. उन्होंने आजादी के आंदोलन में वानर सेना का काम किया था. वह स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्हें सरकार के द्वारा पेंशन मिलती थी इसलिए प्रशासन को ऐसे सेनानी की सुध लेनी चाहिए थी. बैठक की अध्यक्षता रामस्वरूप अग्रवाल ने की. मौके पर राम प्रसन्न द्विवेदी, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष बजरंगी मिश्रा, प्रदेश प्रतिनिधि राजर्षि राय, श्रीकृष्ण चौबे, जगदीश मिश्र, राजाराम पांडेय, करुणानिधि दूबे, जमाल अली, शिवाकांत मिश्र, वीरेंद्र राम, रामजतन सिंह यादव, कपिल पासवान, साधना पांडेय आदि ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की.
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