उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था को लेकर हंगामा और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया. बाद में सुरक्षाकर्मियों की मदद से किसी तरह स्थिति को नियंत्रण किया में लिया गया. मामले में सिविल सर्जन ने जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की बात कही है.
- पुलिसिया हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ मामला
- सिविल सर्जन ने कही जांच कराने की बात
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारे जाने की बात कही जा रही है वहीं, दूसरी तरफ शनिवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने अस्पताल की व्यवस्थाओं के सुधार के प्रति प्रबंधन के सारे दावों की हवा निकाल दी है. दरअसल, अस्पताल में पहुंचे एक परिजन ने यह आरोप लगाया कि अस्पताल में उन्हें ना तो बेहतर इलाज मिला और ना ही जांच की सुविधाएं मिल सकी उल्टे, उन्हें इधर से उधर दौड़ाया जाता रहा. उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था को लेकर हंगामा और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया. बाद में सुरक्षाकर्मियों की मदद से किसी तरह स्थिति को नियंत्रण किया में लिया गया. मामले में सिविल सर्जन ने जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की बात कही है.
डुमरांव अनुमंडल के नंदन गांव के रहने वाले गुप्तेश्वर सिंह ने बताया कि वह अपनी लकवाग्रस्त माँ छठिया देवी को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां इलाज के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं थी. उन्हें इधर से उधर दौड़ाया जाता रहा. पहले जब वह इमरजेंसी में पहुंचे तो बिना उनकी माँ को एडमिट किए जाने से पहले उन्हें ओपीडी में पर्ची कटाने के लिए भेज दिया गया. जब वह पर्ची कटा कर लौटे तो इमरजेंसी से चिकित्सक नदारद थे. ऐसे में वह अपनी बीमार माता को स्वयं स्ट्रेचर पर लादकर ओपीडी में ले गए.
वहां पहुंचने पर चिकित्सक के द्वारा उन्हें कई प्रकार की जांच कराने की बात कही गई, चिकित्सक ने बताया कि सभी जांच अस्पताल में नि:शुल्क हो जाएंगी, जिसके बाद वह पैथोलॉजिकल लैब में पहुंचे लेकिन लैब में पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि वहां जांच नहीं होगी ऐसे में उन्हें बाहर जाकर जांच करानी पड़ा. बाद में अस्पताल की व्यवस्था से रुष्ट होकर परिजन के द्वारा हंगामा करना शुरू कर दिया गया. इसी बीच मामले को शांत कराने पहुंची पुलिस टीम के साथ भी परिजन उलझ गए। बाद में किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया. मामले में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि अस्पताल में जो व्यवस्था उपलब्ध है, वह सभी को दी जा रही है. जो जांच अस्पताल में हो रही है उन्हें बाहर से कराने का कोई मतलब ही नहीं है. उन्होंने कहा कि कुप्रबंधन को लेकर जो इल्जाम लगाए जा रहे हैं अथवा हंगामा करने की जो बात कही जा रही है उसके संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जल्द ही वह उपाधीक्षक से इस विषय पर बात कर मामले की जानकारी लेंगे और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
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