वीडियो: सिमरी अंचलाधिकारी के विरुद्ध धरने पर बैठे बाढ़ पीड़ित, मदद मांगने पर पिटाई का आरोप ..

ग्रामीणों का यह कहना है कि जो तिरपाल अंचलाधिकारी के द्वारा दिया जा रहा है उसके अंदर विभिन्न प्रकार के मवेशी तथा मनुष्य एक साथ नहीं रह सकते हैं. इसलिए उन्हें और भी तिरपाल दिया जाए लेकिन, अंचलाधिकारी के द्वारा ऐसा नहीं किया गया. जब लोगों ने इस बात को लेकर विरोध शुरू किया तो कथित तौर पर अंचलाधिकारी के द्वारा लोगों की पिटाई भी कराई गई. साथ ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया. 

 


- बांध पर शरण लिए लोगों ने लगाया अंचलाधिकारी पर आरोप
- बोले सीओ, कुछ लोगों के बहकावे में हैं ग्रामीण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सिमरी थाना क्षेत्र के रामदास राय का डेरा, बल्ली का डेरा, लाल सिंह का डेरा समेत विभिन्न बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों ने बक्सर कोइलवर तटबंध पर शरण ले रखी है. वहां वह अपने मवेशियों तथा परिजनों के साथ रह रहे हैं. वहां पर रहने के लिए प्रशासन के द्वारा उन्हें तिरपाल आदि मुहैया कराई जा रही है. प्रशासन का यह भी कहना है कि बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को राशन आदि भी मुहैया कराया जाएगा. 




इसी बीच राजापुर के समीप बक्सर कोइलवर तटबंध पर शरण लिए लोगों के बीच मंगलवार को अंचलाधिकारी के द्वारा तिरपाल बांटा जा रहा था उसी वक्त जमकर हंगामा हो गया. हंगामा कर रहे एक व्यक्ति को पुलिस के द्वारा पकड़ भी लिया गया. इस संदर्भ में बांध पर मौजूद विभिन्न गाँवों के ग्रामीणों का यह कहना है कि जो तिरपाल अंचलाधिकारी के द्वारा दिया जा रहा है उसके अंदर विभिन्न प्रकार के मवेशी तथा मनुष्य एक साथ नहीं रह सकते हैं. इसलिए उन्हें और भी तिरपाल दिया जाए लेकिन, अंचलाधिकारी के द्वारा ऐसा नहीं किया गया. जब लोगों ने इस बात को लेकर विरोध शुरू किया तो कथित तौर पर अंचलाधिकारी के द्वारा लोगों की पिटाई भी कराई गई. साथ ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया. 

स्थानीय लोगों ने इस बात को लेकर तटबंध पर ही धरना दे दिया और प्रशासन विरोधी नारे लगाने लगे. उनका कहना है कि अंचलाधिकारी हिटलरशाही रवैया अपना रहे हैं. प्रशासन जब अभी ही लोगों की मदद नहीं कर पा रहा तो बाद में जब स्थिति और भी विकराल होगी तो मदद कहां से मिलेगी? 

लोगों ने बताया कि इस इलाके में तत्काल लोगों को 1 नौका की जरूरत है ताकि लोग अपने घरों तक आ जा सके. इसके अतिरिक्त सूखा राशन तथा मवेशियों को चारे की भी आवश्यकता है लेकिन, यह सब तो दूर की बात है अभी तिरपाल देने के नाम पर ही अंचलाधिकारी के द्वारा जो बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया वह काफी निंदनीय है. ऐसे में अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए. 

मामले में पूछे जाने पर अधिकारी अनिल कुमार के द्वारा बताया गया कि लोगों का आरोप बेबुनियाद है. वह अपनी सरकारी गाड़ी में जितना तिरपाल लेकर गए थे उन्होंने बांट दिया. आवश्यकता पड़ने पर और भी तिरपाल अथवा जरूरत की सामग्री बांटी जाएगी लेकिन, ग्रामीण कुछ लोगों के बहकावे में इस पर राजनीति कर रहे हैं जो की सही नहीं है.







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