शिक्षा, शिक्षार्थी तथा समाज के विकास के लिए निरंतर काम करें शिक्षक : उप निदेशक

कहा कि शिक्षा गुणवत्ता पर शिक्षकों को अनवरत, नियमित तथा अविरत कार्य करके अपनी पहचान बनानी चाहिए. शिक्षा, शिक्षार्थी एवं समाज के सर्वांगीण विकास पर शिक्षकों को भी लगातार कार्य करते रहना चाहिए. कोरोना वायरस महामारी का दौर बीतने के बाद ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ ऑफलाइन क्लास भी समुचित तरीके से कैसे चले इसके लिए भी प्रयास होना चाहिए. 






- डुमराँव मार्बल हाउस में आयोजित हुआ शिक्षा विभाग के उपनिदेशक का सम्मान समारोह
- मौके पर मौजूद रहे डुमराँव महाराज, जिला शिक्षा पदाधिकारी व अन्य

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डुमराँव मार्बल हाउस में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक प्रेमचंद का अभिनंदन सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए उपनिदेशक ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता पर शिक्षकों को अनवरत, नियमित तथा अविरत कार्य करके अपनी पहचान बनानी चाहिए. शिक्षा, शिक्षार्थी एवं समाज के सर्वांगीण विकास पर शिक्षकों को भी लगातार कार्य करते रहना चाहिए. कोरोना वायरस महामारी का दौर बीतने के बाद ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ ऑफलाइन क्लास भी समुचित तरीके से कैसे चले इसके लिए भी प्रयास होना चाहिए. प्रधानाध्यापक बनाने के रास्ते में जो भी दिक्कतें सामने आ रही हैं, शिक्षा विभाग उन्हें दूर करने का प्रयास करेगा. यह मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के रूप में अमर भूषण एक कुशल नेतृत्वकर्ता हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के द्वारा जल्द ही शिक्षा विभाग के कार्यालय कर्मियों की भी नियुक्ति का प्रयास किया जाएगा.




कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डुमराँव महाराज चंद्र विजय सिंह ने भोजपुरी भाषा के साथ-साथ संस्कार के विकास को विद्यालय में महत्व देने की बात कही. मंच संचालन प्रोफेसर कामता प्रसाद सिन्हा ने किया. जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण ने बताया कि 26 सितंबर को गणित विषय पर वेबिनार आयोजित किया जाएगा. उन्होंने शैक्षणिक माहौल सुधारने के लिए शिक्षक और पदाधिकारी के बीच सामंजस्य स्थापित करने की बात भी रखी. साथ ही यह कहा कि ऐसा करने में जो बाधाएं आएंगी उन्हें भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा. मध्याह्न भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधीर रंजन सहाय ने प्रेमचंद जी के साथ बिताए गए अनुभवों को सबके समक्ष रखा, साथ ही यह कहा कि प्रेमचंद जी ने क्रोध के समय सुस्त, कार्य के समय चुस्त और न्याय के समय दुरुस्त हो कर अपनी पहचान एक कर्म योगी तथा अच्छा प्रेमी पदाधिकारी के रूप में बनाई है. मौके पर भस्माकर दूबे, कमलेश सिंह, यतींद्र चौबे, प्रभाकर दूबे, ओम प्रकाश दूबे, अजीत पाल सिंह, पवन कुमार मिश्रा, सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, विपिन बिहारी ओझा, विजेंद्र सिंह, किशन कुमार राय, संजय सैनी, धनंजय मिश्रा, दीपक कुमार, पशुपति नाथ सिंह समेत कई शिक्षक मौजूद रहे. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रभाकर दूबे ने किया.









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