विशाल भण्डारे के साथ सप्तदिवसीय श्रीराम और श्रीमद्भागवत कथा का समापन ..

उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन कई मार्मिक प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया. उन्होंने कथा कमिटी के सदस्यों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर प्रबंध किए हैं. कथा श्रवण की उपादेयता को समझाते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि वे प्रभु भक्ति के मार्ग पर चलें और हमेशा उनके दिखाए मार्ग का पालन करें.






- किला मैदान में आयोजित सात दिवसीय भागवत व राम कथा
- आचार्य पीतांबर 'प्रेमेश' तथा प्रिया तिवारी थे कथावाचक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : किला मैदान में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीराम कथा और श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण कथा सप्ताह के अंतिम दिवस को बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवणोपरांत प्रसाद ग्रहण किया.  श्रीधाम वृन्दावन से पधारी श्रीराम कथावाचिका प्रिया तिवारी और अंतरराष्ट्रीय कथावाचक आचार्य पीतांबर 'प्रेमेश' ने क्रमशः श्रीराम कथा और श्रीमद्भागवत कथा-श्रवण  की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए समुपस्थित श्रद्धालुओं को अपने प्रवचनों से निहाल कर दिया. आचार्य श्री ने  कहा कि जिन-जिन क्षेत्रों में सात दिन तक ऐसे कथा सप्ताह होते हैं, उस क्षेत्र के लोग धन्य हो जाते हैं और भगवान की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है. उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन कई मार्मिक प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया. उन्होंने कथा कमिटी के सदस्यों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर प्रबंध किए हैं. कथा श्रवण की उपादेयता को समझाते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि वे प्रभु भक्ति के मार्ग पर चलें और हमेशा उनके दिखाए मार्ग का पालन करें.


ज्ञात रहे कि सात दिन तक चले श्रीमद्भागवत कथा व श्रीराम कथा सुनने के लिए आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते रहे. उन्होंने अंतिम दिन पुष्प वर्षा सहित ब्रज होली, उषा चरित्र, वासुदेव-नारद संवाद, कृष्ण-सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथा वर्णन कर श्रीहरि कृपा का बड़े ही रोचक अंदाज में गुणगान किया. 

दूसरी ओर प्रिया तिवारी ने कहा  कि हमें ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए  इससे इंसान के पापों का नाश होता है. उन्होंने अंतिम दिन श्रीराम कथा वर्णन में सीता-हरण, रावण-वध, भरत-मिलाप, राम राज्याभिषेक आदि मार्मिक प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह की कथाओं का पूर्ण लाभ लेने के लिए उन्हें जीवन में उतारना परमावश्यक है. कथा में वर्णित राम राज्य के संदर्भ को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि रामराज्य एक आदर्श राज्य है. रामराज्य में कहीं चोरी, भ्रष्टाचार, झूठ एवं घृणा नहीं है, अपितु चारों तरफ प्रेम भाईचारा, सौहार्दय और सद्भावना दृष्टिगोचर होती है. आज भी इन्हीं सब गुणों की आवश्यकता है. रामराज्य हमारे जीवन में आ जाये, बस प्रभु से यही प्रार्थना है. राम को जान लेने और पूर्ण गुरू की कृपा से ही हम जीव अपने अंत: करण में श्रीराम का दर्शन कर सकते हैं. कार्यक्रम में प्रदीप राय, चुनमुन चौबे (मुखिया कुकुढा पंचायत), मुन्ना सिंह (करहँसी पंचायत मुखिया प्रतिनिधि), हरिशंकर गुप्ता
(संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी) श्री रामलीला समिति, वैकुंठ नाथ शर्मा (सचिव) श्री रामलीला समिति, एस के सिंह, श्री सियाराम सिंह, रमेश चंद्र उपाध्याय, रामबिहारी तिवारी, श्री विजय नारायण तिवारी, संजय शास्त्री आदि मौजूद रहे. उपस्थित लोगों ने मुख्य यजमान राम उदार उपाध्याय और दीनबंधु उपाध्याय, आयोजककर्ता किशोर दूबे (सचिव) विश्वामित्र स्वास्थ्य कल्याण समिति सहित श्रद्धेय भक्तजनों व भागवतप्रेमियों का धन्यवाद दिया.







Post a Comment

0 Comments