कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए. इससे युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा. वकालत विश्व भर में अत्यंत सम्मानित और गरिमामय पेशा है. भारत में भी वकालत गरिमामय और सत्कार के पेशे के तौर पर हर दौर में बना रहा है स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं से अधिक योगदान किसी और पेशों का नहीं रहा.
- जिला अधिवक्ता संघ के द्वारा आयोजित किया गया था कार्यक्रम
- व्यवहार न्यायालय के पुस्तकालय भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: व्यवहार न्यायालय जिला अधिवक्ता संघ के पुस्तकालय भवन में दोपहर 1:30 बजे अधिवक्ताओं की बैठक हुई. जिसमें देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्मदिन पर अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाया गया. इस दौरान अधिवक्ताओं को सम्मानित भी किया गया. अधिवक्ताओं ने पहले डॉ राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया. जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सूबेदार पांडेय ने कहा कि अधिवक्ता समाज के लिए गौरव की बात है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति अधिवक्ता समाज से रहे तथा डॉ राजेंद्र प्रसाद के विचार आज भी प्रासंगिक है. इसके बाद संघ के सबसे ज्यादा वरीय वाले अधिवक्ताओं को सम्मानित किया गया. इनमें राधा कृष्णा पाण्डेय,अरविंद कुमार भगत, नंद बिहारी पाठक, रामजी मिश्रा और योगेश कुमार राय शामिल रहे.
अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए. इससे युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा. वकालत विश्व भर में अत्यंत सम्मानित और गरिमामय पेशा है. भारत में भी वकालत गरिमामय और सत्कार के पेशे के तौर पर हर दौर में बना रहा है स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं से अधिक योगदान किसी और पेशों का नहीं रहा. स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं ने जमकर लोहा लिया है. स्वतंत्रता ही नहीं अपितु जब स्वतंत्रता मिली और नए भारत को गढ़ने का समय आया तब भी अधिवक्ताओं की महत्ता बनी रही. महात्मा गांधी से लेकर बी आर अम्बेडकर तक लोग अधिवक्ता के पेशे से अपने जीवन की शुरुआत करने वाले रहे हैं. इन सब भारत की महान विभूतियों के प्रारंभिक पेशे वकालत ही रहे बाद में यह लोग भले राष्ट्रपति, मंत्री हुए परन्तु प्रारंभ में वकील ही रहे. इस मौके पर बबन ओझा, उमेश कुमार, प्रमोद कुमार,संजय राय,राघव कुमार पाण्डेय,राजेश कुमार,महेंद्र कुमार चौबे उर्फ मथुरा चौबे, दयासागर पाण्डेय आदि सैकड़ो अधिवक्ता मौजूद रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता सूबेदार पाण्डेय संचालन रामेश्वर प्रसाद वर्मा और धन्यवाद ज्ञापन महासचिव गणेश ठाकुर ने किया.
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