संस्कृत महाविद्यालय के निरीक्षण के बाद एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि संस्कृत महाविद्यालय के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है लेकिन, वर्षों से इसका कोई तारणहार नहीं मिला है जबकि यह विद्यालय संस्कृत शिक्षा को लेकर कभी जिले में अपना एक अलग स्थान रखता था.
- सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया महाविद्यालय का निरीक्षण
- कहा, जल्द ही प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने की होगी कोशिश
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्रीनिवास मंदिर द्वारा संचालित संस्कृत मध्य विद्यालय सह महाविद्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है. सरकार भले ही मॉडल स्कूलों के निर्माण की योजनाएं चला रही हो लेकिन इस महाविद्यालय की उपेक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है. यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य तथा विहिप कार्यकारी अध्यक्ष से जुड़े चंद्रभूषण ओझा तथा नमामि बक्सर के अध्यक्ष राघव पांडेय का.
उन्होंने संस्कृत महाविद्यालय के निरीक्षण के बाद एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि संस्कृत महाविद्यालय के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है लेकिन, वर्षों से इसका कोई तारणहार नहीं मिला है जबकि यह विद्यालय संस्कृत शिक्षा को लेकर कभी जिले में अपना एक अलग स्थान रखता था. इसकी गौरव गाथा आज धूल, गंदगी और झाड़ियों के पीछे छिप कर रह गई है. दीवारों की स्थिति देखकर किसी खंडहर का एहसास होता है. ऐसा नहीं लगता कि कभी यह संस्थान शिक्षा का मंदिर हुआ करता था और यहां भारतीय संस्कृति एवं वेद पुराण की भाषा संस्कृत को पढ़ाया जाता था. अब तो स्थिति यह हो गई है कि छात्र यहां नामांकन लेना भी मुनासिब नहीं समझते.
उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की बैठने की जगह भी नहीं बची है और जो बची है वह खंडहर बन चुकी है. सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की हालत इतनी दयनीय हो जाएगी ऐसा कभी किसी ने नहीं सोचा था. मजे की बात तो यह है कि बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के तहत प्रतिवर्ष सैकड़ों विद्यार्थी यहां से परीक्षा फॉर्म भरते हैं और परीक्षा देते हैं. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर वह जिला पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी समेत तमाम अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे.
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