सिय-पिय मिलन महोत्सव : विट्ठल भगवान की माया से दामा का हुआ उद्धार, गुरु तथा भाइयों के साथ जनकपुर पहुंचे श्री राम ..

तहसीलदार बनने के खिलाफ षडयंत्र करने जब राज्य में अकाल पडा तो दामा जी ने सारे खजाने आम जनता में बांट दिया. शत्रुओं की खतरनाक चालों के परिणाम स्वरूप उन्हें फाँसी की सजा हुई लेकिन विठ्ठल भगवान के माया की कृपा से दामा जी का उद्धार हुआ. उसके पश्चात श्रीराम जी की  झाँकी और पदगायन किया गया.





- पांचवे दिन के आयोजन में देश भर से पहुंचे श्रद्धालु और साधु-संत
-  सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम में दिखा जनकपुर का नजारा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नया बाज़ार में आयोजित सिय-पिय मिलन महोत्सव पांचवें दिन भी जारी रहा. दूरदराज से श्रद्धालुओं तथा साधु-संतों का आना जारी है. प्रातः काल में 6:00 से 9:00 तक श्रीमद रामचरितमानस मानस का सामूहिक पाठ का आयोजन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप आस-पास का पूरा क्षेत्र प्रभु श्रीराम के  
रंग में डूब गया. 




तत्पश्चात 9:30 से 1 बजे तक  श्रीधाम वृंदावन से पधारे श्री फतेहकृष्ण जी के निर्देशन में रासलीला का आयोजन किया गया जिसमें दामापंथ लीला हुई उसमें दामा जी एक सज्जन व्यक्ति थे जिनका जन्म मुस्लिम साम्राज्य के काल में हुआ कुछ उपरांत उन्हें तहसीलदार बना दिया गया कुछ मुस्लिम लोगों उनके तहसीलदार बनने के खिलाफ षडयंत्र करने जब राज्य में अकाल पडा तो दामा जी ने सारे खजाने आम जनता में बांट दिया. शत्रुओं की खतरनाक चालों के परिणाम स्वरूप उन्हें फाँसी की सजा हुई लेकिन विठ्ठल भगवान के माया की कृपा से दामा जी का उद्धार हुआ. उसके पश्चात श्रीराम जी की  झाँकी और पदगायन किया गया.


रात्रिकाल रामलीला में श्री जनकपुर प्रवेश और नगर दर्शन लीला का आयोजन किया गया. प्रजा राम इस तरह का नजारा प्रस्तुत हुआ मानो श्री राम की शिक्षा स्थली जनकपुर में तब्दील हो गई है. श्री राम गुरु विश्वामित्र तथा सभी भाइयों के साथ जनकपुर पहुंचते हैं. इस लीला को देखकर मौजूद लोग प्रभु श्री राम की जय-जयकार से पूरा आश्रम गुंजायमान हो जाता है.




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