फर्जी मैट्रिक सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों का भंडाफोड़, प्राथमिकी दर्ज ..

जांच में कई शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते हुए पाया गया. जिनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है इसी जांच के क्रम में एक बार फिर दो अन्य शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते हुए पाया गया है. दोनों ने मैट्रिक की परीक्षा भी पास नहीं की थी लेकिन, फर्जी सर्टिफिकेट पर वर्षों से बच्चों को ज्ञान दे रहे थे. 



- निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के जांच में हुआ खुलासा
- पहले भी पकड़े गए हैं कई फर्जी शिक्षक

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर :  पटना उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा जिले के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की लगातार जांच की जा रही है. इस जांच में कई शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते हुए पाया गया. जिनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है इसी जांच के क्रम में एक बार फिर दो अन्य शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते हुए पाया गया है. दोनों ने मैट्रिक की परीक्षा भी पास नहीं की थी लेकिन, फर्जी सर्टिफिकेट पर वर्षों से बच्चों को ज्ञान दे रहे थे. मामला राजपुर और नवानगर थाना क्षेत्र का है. दोनों शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.



पहला मामला चौसा प्रखंड के पलिया पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय नावर में तैनात इंद्रदेव शर्मा से जुड़ा हुआ है. उन्होंने नियोजन के समय जो मैट्रिक का सर्टिफिकेट दिया था उसमें इंद्र देव शर्मा, पिता - जग नारायण शर्मा तथा जन्म तिथि 12 फरवरी 1983 दर्ज है लेकिन, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने संबंधित रोल कोड और क्रमांक की जांच करने के बाद यह पाया कि उक्त प्रमाण पत्र मुन्ना रावत, पिता - अनुग्रहित रावत के नाम से निर्गत है. इतना ही नहीं उसमें जन्म तिथि भी 5 जून 1986 दर्ज है. 

दूसरे मामले में प्रतिमा कुमारी, पिता - संपत कुमार सिंह ने नियोजन के समय जो अंक प्रमाण पत्र दिया है उसमें उनका प्राप्तांक 409 दिखाया गया है जबकि, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सत्यापन में यह पाया कि प्रतिमा कुमारी को कुल 138 अंक ही मिले हैं, और उनकी श्रेणी फेल है. 

नियोजित पंचायत शिक्षिका नावानगर के मणियां पंचायत अंतर्गत मनिया विद्यालय में ही कार्यरत है इनका नियोजन वर्ष 2005 में हुआ है. निगरानी विभाग अब दोनों फर्जी शिक्षकों के नियोजन के लिए जो व्यक्ति जिम्मेदार हैं उनकी भी तलाश कर रही है. संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी.


पहले भी मिले हैं फ़र्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षक:

बता दें कि इसके पूर्व चौसा प्रखंड अंतर्गत जलीलपुर पंचायत स्थित सोनपा मध्य विद्यालय की शिक्षिका पुष्पा कुमारी मैट्रिक फेल होकर भी 2005 से ही फर्जीवाड़े का सहारा लेकर आसानी से नौकरी कर रही थी.  औद्योगिक थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कोठिया में वर्ष 2003 से कार्यरत शिक्षक अजय कुमार, पिता- राजकुमार फर्जी शिक्षक पर कार्यरत थे जबकि 2014 में सिमरी के मध्य विद्यालय गायघाट में कार्यरत रितेश कुमार पाठक, पिता - नागेन्द्र नाथ पाठक तथा ग्राम पंचायत काजीपुर की अनुसूचित बस्ती प्राथमिक विद्यालय में 2014 से पदस्थापित  किरण कुमारी पिता-रामेश्वर चौधरी के मैट्रिक तथा इंटर के प्रमाण पत्रों में हेरफेर का मामला सामने आया था.





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