एक बार फिर चर्चा में आया चौसा, गंगा में बहते मिले शव ..

बताते हैं कि पिछले साल जब काफी संख्या में यहां लाशें बहती हुई पाई गई थी तो उसके बाद घाटों तक आने के लिए पक्की सड़क बिजली आदि की व्यवस्था करने की बात तो कही गई थी. साथ ही साथ यहां पर चौकीदार एवं पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी.





- घाट की व्यवस्था को सुधारने का पिछले साल किया गया था वादा अब भी वैसी ही स्थिति
- बिजली के पोल तो गड़े लेकिन रोशन नहीं हुआ घाट

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पिछले वर्ष चौसा के श्मशान घाट के पास गंगा नदी में भारी संख्या में बहते शवों ने जहां प्रशासन की किरकिरी कराई थी वहीं, पूरे विश्व में बक्सर के चौसा को सुर्खियों में ला दिया था. उस वक्त शवों को गंगा किनारे दफन कराने के साथ ही तमाम इंतजामों के किए जाने की बात कही गई थी और यह भी कहा गया था कि घाटों के निगरानी की जाएगी, वहां लाइट वगैरह की व्यवस्था होगी लेकिन, प्रशासनिक वादे भी उन लाशों के साथ ही दफन हो गए और एक बार फिर गंगा नदी में शव बहते देखे गए. बुधवार को इस बात की सूचना पर पहुंचे मीडिया कर्मियों ने प्रशासनिक इंतजामों के बदहाल 





दरअसल, चौसा श्मशान घाट के समीप गंगा नदी में एक बार फिर शव बहते देखे गए जहां शव को कौवे नोच रहे थे. स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना मीडिया कर्मियों को दी. घाट पर पहुंचने पर यह ज्ञात हुआ कि ठंड के मौसम में मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है पहले जहां चौसा महादेवा घाट के बगल में स्थित श्मशान घाट पर एक से दो की संख्या में शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे वहीं अब यह संख्या 8 से 10 हो गई है. अंधेरा होने के बाद यहां पहुंचने वाले गरीब परिवार के लोग अपने स्वजनों के शव गंगा में प्रवाहित कर चले जा रहे हैं.

घाट पर मौजूद पंडित दीनदयाल पांडेय बताते हैं कि पिछले साल जब काफी संख्या में यहां लाशें बहती हुई पाई गई थी तो उसके बाद घाटों तक आने के लिए पक्की सड़क बिजली आदि की व्यवस्था करने की बात तो कही गई थी. साथ ही साथ यहां पर चौकीदार एवं पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी लेकिन, अब यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. बिजली के पोल व तार लगाए गए लेकिन, पॉवर सप्लाई नहीं मिली. और तो और यहां होने वाले शवदाह के आंकड़ों को भी अब पंजी में दर्ज नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि यहां की बदइंतजामी की जानकारी जब अधिकारियों को दी जाती है तो वह कन्नी काट लेते हैं.

मामले में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली उन्होंने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गोरख राम से इस पर बातचीत की है. जल्द ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की पहल होगी.






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