जिले के बड़े अधिकारियों को विकास का आइना दिखा रही मुख्यालय की सबसे महत्वपूर्ण सड़क ..

बीच-बीच में रिपेयरिंग के नाम पर एक दो बार गड्ढों को भरा गया लेकिन, हालात जस के तस बने हुए है. स्थिति यह है कि गुजरने वाले छोटे-मोटे वाहन कई बार चिकनी सड़क पर अचानक से गड्ढा जाने के कारण दुर्घटना का शिकार होते-होते बचे हैं. कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त भी हुए हैं लेकिन लोग फिर व्यवस्था को कोसते हुए आगे निकल जाते हैं.






- जिले के बड़े अधिकारियों के गुजरने वाली सड़क बदहाल
- कई दिनों से है परेशानी फिर भी नहीं होता कायाकल्प

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :नगर के अंबेडकर चौक से समाहरणालय जाने वाली सड़क पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे भर गए हैं. मजे की बात तो यह है कि जिस सड़क से जिले के सबसे बड़े अधिकारियों का प्रतिदिन गुजरना होता है उस सड़क के गड्ढे उन्हें दिखाई नहीं देते. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि वहां के स्थानीय लोगों का कहना है. लोगों ने कहा कि सीवरेज की पाइप बिछाने के दौरान सड़क तोड़ी गई थी, उसी दौरान ठीक ढंग से मिट्टी नहीं भरे जाने के कारण सड़क कई जगहों से धंस गई है. बीच-बीच में रिपेयरिंग के नाम पर एक दो बार गड्ढों को भरा गया लेकिन, हालात जस के तस बने हुए है. स्थिति यह है कि गुजरने वाले छोटे-मोटे वाहन कई बार चिकनी सड़क पर अचानक से गड्ढा जाने के कारण दुर्घटना का शिकार होते-होते बचे हैं. कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त भी हुए हैं लेकिन लोग फिर व्यवस्था को कोसते हुए आगे निकल जाते हैं.






अधिकारी नहीं जानते कौन बनाएगा सड़क :

जिला योजना पदाधिकारी सह सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी विनोद कुमार का कहना है कि सीवरेज के पाइप बिछाने के कारण यह गड्ढा हो गया है. गड्ढे को उन्होंने भी देखा है लेकिन नगर की इस सड़क को ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा ठीक किया जाना है. ऐसे में वह इसमें कुछ भी नहीं कह सकते. मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता शिवकुमार मिश्र से बात करने पर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह सड़क उन्हें नहीं बनानी है हालांकि, उन्होंने कनीय अभियंता महेश मोची से बात करने की सलाह दी कनीय अभियंता से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह सड़क उन्हें नहीं बल्कि नगर परिषद को बनानी है. जब मामले में नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता से से बात की गई तो उन्होंने वुडको के कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी बताई और जब वुडको के कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पूर्व में भी उनके ही द्वारा गड्ढे भरे गए थे वह फिर इसको लेकर पहल करेंगे. हालांकि इस बात को लेकर भी कई दिन गुजर जाने के बावजूद सड़क की हालत आज तक जस की तस है.

महत्वपूर्ण सड़क की यह हालत दुर्भाग्यपूर्ण :

वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा, महेंद्र चौबे, अश्विनी कुमार वर्मा, राघव पांडेय, मनीष कुमार समेत कई अधिवक्ताओं ने कहा कि इसी रास्ते से होते हुए उन्हें प्रतिदिन न्यायालय में जाना पड़ता है. इस महत्वपूर्ण सड़क की ऐसी बदहाली देखकर उन्हें व्यवस्था पर रोना आता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के कंधे पर है वह भी इस सड़क से कई बार गुजरते हैं लेकिन फिर भी इसे दुरुस्त नहीं किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. जिला मुख्यालय की सड़क की बदहाली को जब वर्षों से ठीक नहीं किया जा रहा ऐसे में ग्रामीण इलाकों की स्थिति आसानी से समझी जा सकती है.





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