तो क्या दुर्गेश हत्याकांड में निर्दोष साबित होंगे अंकित और सुशांत?

एक अभियुक्त अरुण यादव अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है उसके पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि सबसे पहले जेल भेजे गए दुर्गेश के दोनों दोस्तों की उसकी हत्या में क्या भूमिका है? साथ ही परिजनों से भी पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने किस आधार पर अंकित और सुशांत को अभियुक्त बनाया था.
मृतक को अस्पताल लेकर पहुंचा था यह युवक, भेजा गया था जेल





- नए खुलासे के आधार पर नहीं दिख रही दोनों की कोई भूमिका
- मृतक के पिता के बयान के आधार पर किए गए थे नामजद

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : दुर्गेश हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मामले में जो तथ्य बताए हैं, उनके मुताबिक पूर्व में जेल भेजे गए अंकित व सुशांत नाम के युवकों की कोई भूमिका नजर नहीं आती .ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या दोनों निर्दोष है?  

इस सवाल का जवाब देते हुए एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया के परिजनों के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था और दोनों को जेल भेजा गया था लेकिन, अनुसंधान में जो तथ्य सामने आए हैं उनमें अब तक दोनों की कोई भूमिका सामने नहीं आई है हालांकि, एक अभियुक्त अरुण यादव अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है उसके पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि सबसे पहले जेल भेजे गए दुर्गेश के दोनों दोस्तों की उसकी हत्या में क्या भूमिका है? साथ ही परिजनों से भी पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने किस आधार पर अंकित और सुशांत को अभियुक्त बनाया था.

बता दें कि दुर्गेश हत्याकांड में मृतक के पिता के बयान के आधार पर पाँच लोगों को अभियुक्त बनाया गया था जिनमें बभनी निवासी सुशांत तिवारी, मित्रलोक कॉलोनी निवासी अंकित यादव के साथ-साथ महदह निवासी संजय यादव के पुत्र अरुण यादव तथा सरोज यादव एवं इटाढ़ी के त्रिकालपुर निवासी लक्ष्मीकांत मिश्रा के पुत्र पंकज मिश्रा शामिल थे. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दुर्गेश को अस्पताल लेकर पहुंचे उसके दोनों दोस्तों अंकित व सुशांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.











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