वीडियो : कल्लू पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आक्रोशित हैं उसके गांव के लोग, खेसारी पर निकाला गुस्सा ..

कहा कि निश्चय ही गाने ऐसे हो जो समाज में ना तो विद्वेष ना फैलाएं, ना ही कोई जातीय उन्माद पैदा करें लेकिन, यह भी देखना होगा कि कौन-कौन से लोग ऐसा करते हैं? यहां विरोध केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि हर व्यक्ति का होना चाहिए. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि कलाकारों को किसी जाति और वर्ग में बांटना भी उचित नहीं है. 




- कहा, बड़े कलाकार कर रहे हैं दबाव बनाने का काम
- राजनीति के लिए हुई है प्राथमिकी, लेना होगा वापस

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भोजपुरी लोकगीत गायक अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के पश्चात एक तरफ जहां भोजपुरी भाषा ने अश्लीलता को लेकर बहस चल रही है वहीं, इंटरनेट मीडिया पर भी कई तरह की बातें उनके समर्थकों तथा अन्य लोगों के द्वारा की जा रही है. इन सब बातों के मद्देनजर बक्सर टॉप न्यूज़ की टीम अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के गांव तथा नए परिसीमन में बक्सर नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत आने वाले अहिरौली में उनके घर पर पहुंची तथा लोगों की प्रतिक्रिया जानी. वहां मौजूद कल्लू के परिजनों तथा अन्य ग्रामीणों ने उनके विरुद्ध हुई प्राथमिकी को गलत ठहराया तथा उसे वापस लेने की मांग की.

लोगों कहना है कि जो संस्कार और संस्कृति कल्लू के आने से पूर्व भोजपुरी इंडस्ट्री यानी कि पॉलीवुड में अब तक खेसारी लाल यादव, टुनटुन यादव, गुड्डू रंगीला जैसे लोगों के द्वारा परोसी गई है उसके प्रभाव में आकर गलती से अरविंद अकेला उर्फ कल्लू ने स्टेज पर कुछ अभद्र गुनगुना दिया हालांकि, उन्होंने ना तो इस तरह के कभी गाने गाए हैं और ना ही कोई एल्बम निकाला है. फिर भी उन्होंने अपनी इस गलती को स्वीकारा और सब से माफी भी मांगी. बावजूद इसके उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करना कहीं ना कहीं यह साबित करता है कि उन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.



कहा, सुशांत सिंह राजपूत जैसी कहानी दोहरा रहे हैं पॉलीवुड के लोग : 

अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के पैतृक गांव के निवासियों ने कहा कि एक छोटी सी जगह से निकलकर देश-विदेश में नाम कमा रहे नवोदित कलाकार कल्लू पर बड़े कलाकार दबाव बनाना चाह रहे हैं. यह मामला ठीक उसी तरह का है जैसा कि सुशांत सिंह राजपूत के समय हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि सुशांत सिंह राजपूत ने इसलिए आत्महत्या कर ली थी क्योंकि बॉलीवुड के बड़े कलाकारों के द्वारा दबाव बनाया जा रहा था. ऐसा ही कल्लू के साथ भी हो रहा है.

समाज में विद्वेष फैलाने वाले हर गाने व कलाकार का हो विरोध : 

ग्रामीणों ने कहा कि निश्चय ही गाने ऐसे हो जो समाज में ना तो विद्वेष ना फैलाएं, ना ही कोई जातीय उन्माद पैदा करें लेकिन, यह भी देखना होगा कि कौन-कौन से लोग ऐसा करते हैं? यहां विरोध केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि हर व्यक्ति का होना चाहिए. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि कलाकारों को किसी जाति और वर्ग में बांटना भी उचित नहीं है. कलाकार की केवल एक जाति होती है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्राथमिकी होती है तो हर अश्लील गायक पर होनी चाहिए अन्यथा जब अरविंद अकेला उर्फ कल्लू ने माफी मांग ली तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करना कतई उचित नहीं है. लोगों ने यहां तक कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए भी इस तरह का कार्य कर रहे हैं. ऐसे लोगों को सभी भली-भांति पहचानते हैं.





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