हैरान-परेशान वह जब वह इस बात की शिकायत लेकर प्रबंधक के समक्ष पहुंचे तो उनसे यह कहा गया कि उन्हें हटाने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में उन्होंने क्या कहा कि वह मामले को लेकर बक्सर सांसद तथा केंद्रीय मंत्री के यहां पहुंचेंगे तथा अपनी बात को रखेंगे.
- हटाए जाने के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
- प्रबंधन ने कहा, हमारी नहीं नियोक्ता संस्थान की है गलती
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भारतीय खाद्य निगम के सुरक्षाकर्मियों ने गुरुवार को पद से हटाए जाने के विरोध में मोर्चा खोल दिया. उनका कहना था कि उन्हें साढ़े चारसाल कार्य करने के बावजूद बिना पूर्व सूचना के पद से हटा दिया गया. उन्होंने एफसीआई के गोदाम के समक्ष जमकर नारेबाजी की तथा यह कहा कि उन्हें जबरन हटाया जा रहा है. बाद में अपनी बातों को केंद्रीय मंत्री सह बक्सर सांसद के समक्ष रखने की बात कहते हुए यह स्पष्ट किया कि जब तक उनके संदर्भ में कोई उचित निर्णय नहीं होता तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे.
सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम के द्वारा उन्हें इस अनुबंध पर काम पर रखा गया था कि 60 साल तक की आयु तक उन से काम लिया जाएगा लेकिन, जैसे ही गुरुवार को वह अपनी ड्यूटी पर पहुंचे उन्हें हटाए जाने की बात कहते हुए उन से काम नहीं लिया गया हैरान-परेशान वह जब वह इस बात की शिकायत लेकर प्रबंधक के समक्ष पहुंचे तो उनसे यह कहा गया कि उन्हें हटाने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में उन्होंने क्या कहा कि वह मामले को लेकर बक्सर सांसद तथा केंद्रीय मंत्री के यहां पहुंचेंगे तथा अपनी बात को रखेंगे.
उधर, मामले में एफसीआई के अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति एजेंसी के माध्यम से होती है तथा दो या ढाई साल साल के कार्यकाल के पूरा हो जाने के बाद नई एजेंसी का चुनाव होता है या फिर उसी एजेंसी के कार्यकाल को बढ़ाया जाता है अबकी बार उसने एजेंसी के कार्यकाल को बढ़ाया गया है. ऐसे में अगर नियोक्ता एजेंसी के द्वारा पुराने सुरक्षाकर्मियों को नहीं रखा जा रहा है तो इसमें एफसीआई का क्या दोष है?
उधर, एफसीआई के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कार्यमुक्त किए जाने के पश्चात भी सुरक्षाकर्मी अपने कार्य पर बने हुए हैं तथा उनसे वार्ता हो रही है. साथ ही नए सुरक्षाकर्मी भी अब तक योगदान देने नहीं पहुंचे हैं.
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