डीएम ने लगाई खासमहाल की जमीन की रजिस्ट्री पर रोक ..

यह स्पष्ट निर्देश दिया है पूर्व के विभागीय निर्देश के आलोक में कि ऐसी जमीनों के निबंधन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है. अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद अब खासमहाल की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी.


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- अवर निबंधक के नाम जारी किया गया पत्र
- तत्काल प्रभाव से लागू हुआ जिला पदाधिकारी का आदेश


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में खासमहाल की जमीन किसी सूरत में रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी. जिला पदाधिकारी सह निबंधक अमन समीर ने अवर निबंधक के नाम से जारी एक पत्र में यह स्पष्ट निर्देश दिया है पूर्व के विभागीय निर्देश के आलोक में कि ऐसी जमीनों के निबंधन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है. अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद अब खासमहाल की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी.

क्या है खास महाल? 

ब्रिटिश शासनकाल में बिहार के बड़े भू-भाग पर लार्ड कार्नवालिस ने स्थायी भूमि व्यवस्था लागू की थी. कुछ क्षेत्रों में भूमि का बंदोबस्त अस्थायी रूप से एक निश्चित समय के लिए किया जाता था. कुछ ऐसी भी भूमि थी जिसका बंदोबस्त सरकार की ओर से इस तरह किया जाता था जैसे वह स्वयं जमींदार हो. ऐसी ही भूमि को खास महाल कहा जाता है. खास महाल की जमीन दो प्रकार के हैं. एक पेटी स्टेट और दूसरा कैसर-ए-हिंद. अंग्रेजी शासनकाल में खासमहाल की जमीन को अंग्रेजों के द्वारा जमींदार को दिया गया और फिर जमींदारों ने उस जमीन को लीज पर लोगों को दे दिया. 

वर्षों से घर बनाकर रह रहे लोग लेकिन नहीं मिला है मालिकाना हक :

वर्षों से खास महाल की जमीन पर लोग घर बनाकर रह रहे हैं या व्यवसाय कर रहे हैं लेकिन, उन्हें इस जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिला है. ऐसी जमीन को सीधे तौर पर सरकारी जमीन कहा जा सकता है. जिला पदाधिकारी के आदेश के बाद जिले में इस तरह की जमीन की खरीद बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध हो गया है. निश्चित रूप से तथ्यों को छिपाकर इस नियम की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही भी की जाएगी.


















 














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