फफदर के व्यक्ति की दुबई में ड्यूटी के दौरान मौत, मचा हड़कंप ..

बात करने पर अधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी होने तक इंतजार करने की बात कह रहे हैं. इधर परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है. मसर्हियां पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया मनोज कुमार ने दुबई से मृतक व्यक्ति के शव को मंगाने के साथ ही असहाय परिजनों के भरण-पोषण के लिए मुआवजा हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट कराया है.








- एक पखवाड़े पूर्व मजदूरी करने दुबई गए व्यक्ति की दुर्घटना में हुई मौत 
- दस दिनों से शव आने का परिजन कर रहे इंतजार, ढांढस जताने पहुंच रहे लोग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मुरार थाना क्षेत्र के फफदर गांव से एक पखवाड़े पूर्व मजदूरी करने दुबई गए व्यक्ति रमेश कुमार की दुबई में ऑन ड्यूटी मौत हो गई. इसकी सूचना मिलते ही जहां परिजनों में हाहाकार मचा है, वही गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. मृत युवक के परिजन पिछले दस दिनों से शव आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन वहां कागजी कारवाई पूरी होने में विलंब के कारण अभी तक शव नहीं आया.

इधर, युवक की मौत की सूचना मिलते ही मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मिली जानकारी के अनुसार फफदर गांव निवासी स्व.रामबली प्रसाद के पुत्र रमेश कुमार (40 वर्ष) अपने बाल बच्चों के साथ ही परिवार का भरण-पोषण हेतु किसी एजेंट के माध्यम से विगत पांच मार्च को पहली बार दुबई के उम अल क्वीन नामक जगह पर समुद्री जहाज में बतौर मजदूरी करने के लिए गया. पिछले 13 मार्च को वहां से ऑन ड्यूटी दुर्घटना में रमेश कुमार के गंभीर रूप से जख्मी होने की सूचना परिवार के लोगों को मिली तो परिवार के लोग युवक से बात करना चाह रहे थे लेकिन, दूसरे दिन 14 मार्च की सुबह दोबारा सूचना मिली कि घायल मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई है.

मौत की सूचना मिलते ही यहां परिवार में हाहाकार मच गया और गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. मृतक का पुत्र दीपू कुमार ने बताया कि घटना के दस दिन बाद भी दुबई से पिता का शव नहीं आया. वहां बात करने पर अधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी होने तक इंतजार करने की बात कह रहे हैं. इधर परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है. मसर्हियां पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया मनोज कुमार ने दुबई से मृतक युवक के शव को मंगाने के साथ ही असहाय परिजनों के भरण-पोषण के लिए मुआवजा हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट कराया है.


बाल बच्चों के भरण-पोषण के लिए दुबई गया था कमाने : 

फफदर निवासी रमेश कुमार अपने छह भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं. युवक के कंधें पर दो पुत्रों में दीपू कुमार कौशल कुमार और दो पुत्री खुशबू कुमारी, टुन्नी कुमारी के साथ ही पत्नी देवरानी देवी और बूढ़ी मां रामदुलारी कुंंवर के भरण पोषण और पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी थी. आर्थिक रूप से कमजोर युवक को परिवार चलाना बड़ी मुश्किल था. फिलहाल ज्यादा पैसा कमाने के लिए किसी एजेंट के माध्यम से बतौर मजदूरी करने के लिए पिछले पांच मार्च को दुबई गया, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. ठीक दस दिन बाद यहां मौत की सूचना से परिजनों पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है.



















 














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