कुमार नयन की स्मृति में हर वर्ष आयोजित होगी अखिल भारतीय गजल प्रतियोगिता ..

यह घोषणा करते हुए कहा कि कुमार नयन की याद में प्रतिवर्ष स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा साथ ही अखिल भारतीय गजल लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार स्वरूप नगर ढाई हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे.
कार्यक्रम में मौजूद डुमराव विधायक डॉक्टर अजीत कुमार सिंह, जिला पदाधिकारी अमन समीर व अन्य






कार्यक्रम को संबोधित करते सदर विधायक संजय कुमार तिवारी

- कुमार नयन की स्मृति में आयोजित हुआ सम्मान समारोह
- शामिल हुए आम व खास, सबने ने कहा, हमारी यादों में आज भी जिंदा हैं कुमार नयन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वाधान में कुमार नयन स्मृति सम्मान समारोह का भव्य आयोजन स्थानीय नगर भवन में किया गया. समारोह के प्रथम सत्र का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अमन समीर ने किया वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार जगत नंदन सहाय की उद्घाटन के पूर्व कुमार की तस्वीर पर तीन लोगों के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इसके बाद प्रदेश के जिला अध्यक्ष डॉ बीएल प्रवीण ने स्वागत भाषण पढ़ा तथा यह घोषणा करते हुए कहा कि कुमार नयन की याद में प्रतिवर्ष स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा साथ ही अखिल भारतीय गजल लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार स्वरूप नगर ढाई हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे.

सम्मान प्राप्त करते साबित रोहतासवी





वक्तव्य सत्र की शुरुआत से पहले बिस्मिल्लाह खान संगीत एकेडमी डुमरांव की तरफ से प्राचार्य पवन ओझा ने गणेश वंदना के साथ अन्य गीतों की प्रस्तुति की प्रथम सत्र का संचालन वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के साहित्य शोध निदेशक प्रोफेसर रणविजय कुमार ने किया.

उद्घाटन भाषण के दौरान जिला पदाधिकारी अमन समीर ने कहा कि साहित्य के प्रसार के लिए कई स्तर पर कार्य होना चाहिए. कुमार नयन की स्मृति में आयोजित इस समारोह की उन्होंने प्रशंसा की साथ ही कहा कि न्यूट्रल रहना और उदासीन रहने में बहुत फर्क है, अतः हमें सक्रिय रहने की आवश्यकता है. प्रथम सत्र में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने हिस्सा लिया और कुमार नयन की स्मृतियों को साझा किया. 

इस दौरान सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि कुमार नयन हमेशा के लिए मेरे अंदर समाहित हो गए हैं. ऐसे व्यक्ति नहीं मिलते खलासी मोहल्ले का नाम कुमार नयन मार्ग करने का वादा भी उन्होंने किया. डुमरांव विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह ने कहा कि कुमार नयन का व्यक्तित्व हमें गहराई तक प्रभावित करता रहा. ऐसे में हमें फिर से उस माहौल को जिंदा करने की जरूरत है, जहां साहित्य की कीमत समझी जाए. पूर्व सांसद अली अनवर ने भी कुमार नयन की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि कुमार नयन विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. वक्ताओं में क्रमशः मीरा सिंह 'मीरा',  डॉ शंशाक शेखर उपाध्याय, डॉ ह्रींगमणि, मीना सिंह, सैदायी, डॉ आशुतोष कुमार सिंह, भरत प्रसाद, डॉ महेन्द्र प्रसाद  आदि कई लोग शामिल थे.


द्वितीय सत्र में सर्व प्रथम सम्मान समारोह के तहत अरूण शीतांश को शाॅल , प्रमाण एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. इसके बाद मुजफ्फरपुर से आई डॉ आरती कुमारी को अखिल भारतीय ग़ज़ल लेखन प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान पर चयनित प्रतिभागी के रूप में प्रशस्ति प्रमाण पत्र तथा पुरस्कार स्वरूप ढाई हजार रुपए की राशि प्रदान की गई. डॉ कविता ने सस्वर ग़ज़ल पाठ किया जिसने पूरी महफ़िल में जान डाल दी, जिसके शेर थे-'सताया याद ने तेरी हो दिल में रोया है ..कहां ये सोच समझकर उदास रहता है..'प्रेम किरण ने सुनाया- 
"जो परिशान है सफीदों के उधर कोई.. तो कहां चैन से इस ओर नशर है कोई ..' पटना से कवि सिद्धेश्वर ने अपनी ग़ज़ल सुनाई-' कुछ नसीहत भी जमाने को बड़ी मिलती है.. जब सरे राह पड़ी मिलती है .. हम गरीबों ने बसा रखी है दुनिया अपनी
तुम वहां जाओ जहां बात बड़ी मिलती है..' अन्य शामिल कवियों में मधुरेश नारायण, राजमणि मिश्रा, डॉ आराधना कुमारी,मंज़ूर आलम, फारूख सैफी, नावेद इमाम, नर्वदेश्वर उपाध्याय, डॉ वी के सिंह आदि शामिल थे.

शामिल कवियों को भी मोमेंटो एवं  सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. सम्मान पाने वालों में प्रेम किरण, मधुरेश नारायण, साबित रोहतसावी, डॉ आरती कुमारी, सिद्धेश्वरा नंद बक्सरी, नर्वदेश्वर उपाध्याय, क्षितिज केसरी, मंज़ूर आलम, नावेद इमाम, डॉ बी एल प्रवीण, अरूण शीतांश, हृदय नारायण शर्मा 'हेहर', गौहर सारीमपूरी, सुरेश संगम आदि कई कवियों ने भाग लिया. अंत में कुमार अनुराग ने कुमार नयन नके गजल सुनाई. द्वितीय सत्र का संचालन साबित रोहितासवी ने किया. दोनों सत्रों की अध्यक्षता जगत नंदन सहाय ने की.
समारोह का समापन डॉ महेंद्र प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया.















 














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