नगर में पशुओं की हो रही रहस्यमयी मौतें, दो माह में सौ से ज्यादा हुए शिकार ..

कहा कि पशुपालक अपने पशुओं के मृत्यु के पश्चात उन्हें इधर-उधर फेंक दे रहे हैं. मृत्यु की जानकारी तीन-चार दिन बाद उस वक्त मिल रही है, जब शवों से दुर्गंध आनी शुरु हो जा रही है. ऐसे में यह जांच नहीं हो पा रही है कि उनकी मृत्यु किस कारण से हुई है. 








- लगातार शवों का निस्तारण करा रहे हैं नगर परिषद कर्मी
- लोग हुए भयभीत, कारणों का पता लगाने की शुरु हुई कोशिश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : संक्रमण काल में जहां कोरोना संक्रमण की वजह से असंख्य मौतें हुई हैं वहीं अब अचानक हो रही पशुओं की मौतों से लोग भयभीत हो गए हैं. नगर में पिछले कुछ महीनों से अज्ञात बीमारी से असंख्य सूअरों की मौत हो रही है पशुपालक पशुओं को इधर-उधर फेंक देते हैं जिसके बाद नगर परिषद के द्वारा शवों का निष्पादन कराया जा रहा है. इस मामले में पशुपालक खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन, नगर परिषद के कर्मियों के द्वारा बताया जा रहा है कि यह सिलसिला पिछले दो महीनों से चल रहा है. इस दौरान सौ से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है. कुछ लोग इसे गर्मी का प्रभाव मान रहे हैं तो कुछ इसे साजिश बता रहे हैं लेकिन पशुपालकों का कहना है कि पूर्व में भी इस तरह की बीमारी आई थी. ऐसे में नगर परिषद के द्वारा अब यह पता लगाने के प्रयास भी शुरु कर दिए गए हैं कि आखिर पशुओं की अचानक मौत क्यों हो रही है?






दो माह से इधर-उधर फेंक के मिल रहे हैं शव, नप करा रहा निस्तारण : 

नगर परिषद के सफाई सुपरवाइजर विजय चौरसिया ने बताया कि पिछले दो महीनों से लगातार सूअरों के शव इधर-उधर फेंके मिल रहे हैं जिनको सोमेश्वर स्थान के पास गंगा नदी के किनारे ले जाकर मिट्टी खोदकर उसमें दफना दिया जा रहा है, यह प्रक्रिया लावारिस लाशों के साथ भी की जाती है ऐसे में पशुओं के शवों को भी वही दफन कर दिया जा रहा है.


नौ साल पहले भी हुई थी ऐसी ही रहस्यमयी मौतें : 

सफाई सुपरवाइजर ने बताया कि कई पशुपालकों से उन्होंने बात की तो उनका कहना है कि पूर्व में तकरीबन नौ साल पहले भी इसी तरह किसी अज्ञात बीमारी से पशुओं की मौत हो रही थी लेकिन, उस वक्त भी यह नहीं जात हो सका कि उन्हें कौन सी बीमारी है. बकौल सुपरवाइजर, पिछले दो महीनों में तकरीबन सौ से ज्यादा सूअरों की मौत हो गई है.


कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही नप कार्यपालक कार्यपालक पदाधिकारी :

मामले में नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि उन्हें भी इस तरह के बात की जानकारी हुई है, जिसके बाद पशुपालन विभाग से संपर्क किया जा रहा है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस तरह सूअरों की मौत क्यों हो रही है?

शवों को इधर-उधर फेंक दे रहे हैं पशुपालक, जांच में हो रही परेशानी : 

इओ ने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं के मृत्यु के पश्चात उन्हें इधर-उधर फेंक दे रहे हैं. मृत्यु की जानकारी तीन-चार दिन बाद उस वक्त मिल रही है, जब शवों से दुर्गंध आनी शुरु हो जा रही है. ऐसे में यह जांच नहीं हो पा रही है कि उनकी मृत्यु किस कारण से हुई है. पशुपालकों से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वह पशुओं की मृत्यु की जानकारी ससमय दिया करें ताकि मृत्यु के कारणों की जाँच कराई जा सके.

उधर, इस मामले में ज्यादा जानकारी के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी के सरकारी नंबर पर संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. बहरहाल, नगर परिषद अपने स्तर से भी मृत्यु के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है उम्मीद है की रहस्यमयी मौतों की यह गुत्थी जल्द ही सुलझ जाएगी.















 














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