एयरपोर्ट की तरह बनेगा बक्सर रेलवे स्टेशन, गया से हुई शुरुआत ..

स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे. 





- पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय, यात्रियों को होगी एयरपोर्ट जैसी अनुभूति
- रेन वाटर हार्बेस्टिंग, वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से युक्त होंगे 
- गया स्टेशन हेतु निविदा जारी, 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने हेतु पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों यथा - दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर एवं बक्सर, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर, बेगुसराय एवं बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतीहारीय पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया एवं पं.दीन दयाल उपाध्याय जं तथा धनबाद मंडल के धनबाद एवं सिंगरौली का चयन किया गया है तथा इन स्टेशनों के पुनर्विकास हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है.
 
धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण गया स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद निविदा जारी कर दी गई है. जल्द ही राम की शिक्षा स्थली बक्सर के पुनर्विकास का खाका भी तैयार किया जाएगा.


गया रेलवे स्टेशन के विकास पर 300 करोड़ रुपये का खर्च :

गया रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य लगभग 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा तथा इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. बताया जा रहा है कि गया के बाद बक्सर तथा अन्य स्टेशनों पर भी विकास की योजनाएं प्रभावी ढंग से शुरु होंगी. पुनर्विकास से जुड़े कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त होंगी. 

रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास से बढ़ेंगी पर्यटन की संभावनाएं :

पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार का कहना है कि पुनर्विकास के बाद रेलवे स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा. पुनर्विकास के उपरांत स्टेशन पर यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुणा बढ़ जायेगी. इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा. हाल ही में रामायण यात्रा से जुड़ी ट्रेन बक्सर पहुंची थी जिसके बाद पर्यटन की संभावनाएं बढ़ती दिखाई दे रही हैं.

पुनर्विकास के बाद मिलेंगी इस तरह की सुविधाएं :

उन्होंने बताया कि स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को संरक्षा, बेहतर अनुभव एवं विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है. स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे. इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे.

भीड़-भाड़ से बचने के लिए बनेंगे बड़े गेट, पार्किंग एरिया भी होगा विस्तारित :

विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकास के उपरांत रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों के स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिए अलग-अलग व्यवस्था के तहत आगमन भवन एवं प्रस्थान भवन का निर्माण एवं तीर्थयात्रियों के लिए अलग भवन का निर्माण किया जायेगा. स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े. वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुणा अधिक जगह तथा पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे. इसके साथ ही प्रतीक्षालय के लिए अतिरिक्त 6400 वर्गमीटर कॉनकोर्स एरिया, स्टेशन पर कुल दो दर्जन लिफ्ट एवं एक दर्जन एस्केलेटर की सुविधा, मौजूदा 3100 वर्गमीटर प्लेटफार्म क्षेत्र और एफओबी का उन्नयन, अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा हेतु स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान, रेन वाटर हार्बेस्टिंग का प्रावधान, वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अग्निशमन आदि की व्यवस्था होगी.


















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