कथित तौर पर जबरन अस्पताल का आवास खाली कराए जाने पर मानसिक अवसाद के कारण एक साथ नींद की दर्जनों गोलिया खा ली, जिसके कारण उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई. अचेतावस्था में उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने काफी प्रयास के बाद उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया. बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
- सदर अस्पताल में कार्यरत हैं महिला स्वास्थ्य कर्मी
- जबरन घर खाली कराने की सामने आई बात
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : स्वास्थ्य विभाग के पूर्व डीपीएम संतोष कुमार पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मी ने कथित तौर पर जबरन अस्पताल का आवास खाली कराए जाने पर मानसिक अवसाद के कारण एक साथ नींद की दर्जनों गोलिया खा ली, जिसके कारण उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई. अचेतावस्था में उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने काफी प्रयास के बाद उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया. बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
मामले में स्वास्थ कर्मी का इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ श्याम बाबू रजक ने बताया अत्यधिक तनाव के कारण ज्यादा नींद की गोलियां खा लेने की बात सामने आ रही है. फिलहाल मरीज को होश आ गया है तथा उसकी हालत खतरे से बाहर है. दूसरी तरफ मामले में सिविल सर्जन से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.
मामले में पीड़िता ने बताया है कि व सदर अस्पताल में कार्य करती है. पूर्व डीपीएम संतोष कुमार के द्वारा उनके साथ यौन शोषण कि जो वारदात अंजाम दी गई थी उसके बाद से ही उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. उन पर सिविल सर्जन के द्वारा लगातार यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह अस्पताल परिसर में बने सरकारी आवास को छोड़कर कहीं और चली जाएं. महिला स्वास्थ्य कर्मी ने नियमावली का हवाला दिया कि वह अपने कार्यालय में बने आवासीय भवन में रह सकती हैं, बावजूद उनकी एक न सुनी गई. इतना ही नहीं एक जगह जब उन्होंने किराए पर मकान लेने की कोशिश की तो वहां किसी कर्मी ने पहुंच कर डीपीएम पर उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में बताते हुए उनके चरित्र का गलत चित्रण कर दिया, जिसके कारण वहां भी उन्हें मकान नहीं मिला. हद तो तब तब हो गई जब गुरुवार ओ दल बल के साथ पहुंचे अधिकारियों ने जबरन उनका घर खाली कराने की चेष्टा की ऐसे में उन्होंने इस तरह का कदम उठाया.
पीड़िता का कहना है कि पूर्व डीपीएम संतोष कुमार का स्थानांतरण भले ही यहां से पटना हो गया हो लेकिन, वह वहीं से उन पर लगातार दबाव बनाते रहते हैं. सदर अस्पताल स्थित आवास से उन्हें जबरन हटाए जाने के पीछे भी संतोष कुमार का ही हाथ है. इतना ही नहीं संतोष कुमार कभी भी उनकी हत्या करा सकते हैं. ऐसे में अस्पताल परिसर छोड़कर कहीं और जाना उनके लिए काफी असुरक्षित भी है.
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