वीडियो : 50 लाख के फेर में पॉवर प्लांट में किया उपद्रव ..

बाद में इस बात की सूचना पर एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी तथा फिर कंपनी के प्रावधान के अनुसार 9 लाख 20 हज़ार एवं अन्य लाभों को मिलाकर कुल 13 लाख रुपये मृतक के परिजनों को दिलवाया गय.  साथ ही यह कहा गया कि उनके आश्रित के तौर पर उनके एक पुत्र को कंपनी में नौकरी दी जा सकती है.




- मजदूर की मृत्यु के बाद परिजन कर रहे थे हंगामा
- 50 लाख मुआवजा, दो सरकारी नौकरी तथा पेंशन की थी मांग

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : चौसा थर्मल पावर प्लांट में सोमवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब प्लांट में घुसे कुछ लोगों के द्वारा श्रमिकों से जबरन काम बंद करवाए जाने लगा. बताया गया कि यह लोग पिछले शुक्रवार को मृत एक मजदूर की मृत्यु के बाद मिल रहे मुआवजे से संतुष्ट नहीं थे. उन्हें 13 लाख रुपये का मुआवजा मिल रहा था लेकिन, वह 50 लाख बतौर मुआवजा मांग रहे थे. बाद में हंगामे की सूचना पर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे और उन्होंने उचित फैसला कर मामले को खत्म कराया. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि किसी भी प्रकार से विधि-व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जाए. अन्यथा मजबूरन कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी. 



दरअसल, शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर पावर प्लांट के एक मजदूर के सदर अस्पताल दरअसल, में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बताया गया कि उसे हृदयाघात हुआ था. शनिवार को उसके परिजनों के द्वारा उसका उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित पैतृक गांव में दाह संस्कार किया गया, उसके बाद सोमवार को प्लांट खुलने के बाद उसके स्वजन पॉवर प्लांट में पहुंच गए और हल्ला-हंगामा करने लगे. उनका कहना था की कार्यकारी एजेंसी एलएंडटी के द्वारा तकरीबन 13 लाख रुपये मुआवजा दिया जा रहा है जो कि बहुत कम है मुआवजे के रूप में कम से कम 50 लाख रुपये की राशि, मृतक के दो पुत्रों को स्थायी नौकरी तथा मृतक की पत्नी को मिशन का लाभ दिया जाए. इस बात को लेकर मृतक के परिजनों के द्वारा ना सिर्फ हल्ला-हंगामा किया गया बल्कि कार्य कर रहे श्रमिकों से जबरदस्ती काम ही रुकवा दिया गया. बाद में इस बात की सूचना पर एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी तथा फिर कंपनी के प्रावधान के अनुसार 9 लाख 20 हज़ार एवं अन्य लाभों को मिलाकर कुल 13 लाख रुपये मृतक के परिजनों को दिलवाया गय.  साथ ही यह कहा गया कि उनके आश्रित के तौर पर उनके एक पुत्र को कंपनी में नौकरी दी जा सकती है. 

अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि अपनी बातों को रखने के लिए किसी को भी सकारात्मक तरीका अपनाना चाहिए. कानून को हाथ में लेने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी मदन साहनी की मौत शुक्रवार को पॉवर प्लांट परिसर में ही हृदयघात के कारण हो गई थी.

























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