पंडितों के द्वारा किये जा रहे देवी के वैदिक मंत्रोच्चारण से पूरा नगर गुंजायमान हो गया. डुमरांव नगर के श्रद्धालु भक्तगणों ने आस्था एवं विश्वास के केन्द्र बिन्दु राज राजेश्वरी भगवती माई की पूजा-अर्चना और उनके दर्शन किए. दशकों पूर्व से त्रिपुर सुंदरी देवी की वार्षिकोत्सव पर प्रतिवर्ष श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि को उत्साह एवं भक्तिपूर्ण माहौल में पुरानी परम्परा के अनुसार विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
- श्रद्धालुओं के जयघोष से गुंजायमान हुआ पूरा नगर और इलाका
- वार्षिकोत्सव पर की गई त्रिपुर सुंदरी देवी की विशेष पूजा-अर्चना
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के डुमरांव नगर स्थित राज-राजेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी, बंग्लामुखी देवी के वार्षिकोत्सव पर भक्तिपूर्ण माहौल में पूजा-अर्चना की गई. इस अवसर पर सुबह से शाम तक श्रद्धालु भक्तजनों ने माता रानी की पूजा-अर्चना की. जिससे नगर में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हुई. वार्षिकोत्सव पर राज-राजेश्वरी मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. पंडितों के द्वारा किये जा रहे देवी के वैदिक मंत्रोच्चारण से पूरा नगर गुंजायमान हो गया. डुमरांव नगर के श्रद्धालु भक्तगणों ने आस्था एवं विश्वास के केन्द्र बिन्दु राज राजेश्वरी भगवती माई की पूजा-अर्चना और उनके दर्शन किए. दशकों पूर्व से त्रिपुर सुंदरी देवी की वार्षिकोत्सव पर प्रतिवर्ष श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि को उत्साह एवं भक्तिपूर्ण माहौल में पुरानी परम्परा के अनुसार विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
चार सौ साल वर्ष पहले हुई थी स्थापना :
जाने-माने तांत्रिक पं.भवानी मिश्र द्वारा लगभग चार सौ वर्ष पूर्व इस मंदिर की स्थापना की गई थी. तब से आज तक इस मंदिर में उन्हीं के परिवार के सदस्य पुजारी की भूमिका निभाते हैं. मंदिर के पुजारी पं.किरण मिश्रा ने बताया कि पूर्णतः तांत्रिक इस मंदिर में कलश स्थापना नहीं किया जाता है बल्कि, तंत्र साधना से ही यहां भगवती माता की प्राण-प्रतिष्ठा की गई है. श्रद्धालु भक्तजन यहां पूजा-अर्चना कर मन्नते मांगते है. यहीं नहीं इस मंदिर में सूखे मेवे का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है.
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