वीडियो : पूर्व डीजीपी सह जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय ने बक्सर के विकास को बताया अधूरा ..

बक्सर का अपेक्षित विकास अब तक नहीं हो सका है. इसके लिए सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा. पूर्व डीजीपी सह जदयू नेता के इस बयान को कुछ लोग उनके राजनीतिक अभियान से भी जोड़कर देख रहे हैं. लोगों का मानना है कि उन्होंने आगामी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं.







- कहा, जिले के विकास को लेकर हम सब को करना होगा प्रयास
- महंत राजा राम शरण दास ने बक्सर को बताया भगवान राम की यूनिवर्सिटी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सावन की अंतिम सोमवारी के मौके पर स्थानीय रामरेखा घाट पर सामाजिक कार्यकर्ता गिट्टू तिवारी के द्वारा गंगा महाआरती का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत राजाराम शरण दास तथा  दिवंगत भाजपा नेता विशेश्वर ओझा के पुत्र राकेश विशेश्वर ओझा शामिल हुए कार्यक्रम में जिले भर से श्रद्धालु शामिल हुए तथा गंगा महाआरती का हिस्सा बने. वाराणसी के तर्ज पर गंगा आरती का आयोजन किया गया जिसमें गंगा आरती के साथ साथ मधुर भजनों की धुन पर पूर्व डीजीपी समेत सभी श्रद्धालु नर-नारी झूमते नजर आए. कार्यक्रम के दौरान एक सवाल के जवाब में पूर्व डीजीपी सह जेडीयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि धर्म-अध्यात्म की समृद्ध विरासत से परिपूर्ण बक्सर जिले का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है.



पूर्व डीजीपी ने कहा कि ब्रह्मपुर में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ धाम तथा बक्सर के रामरेखा घाट पर स्थित बाबा रामेश्वर नाथ का अपना प्राचीन इतिहास है. इसके साथ ही पूरा बक्सर आध्यात्मिक विरासत से परिपूर्ण है लेकिन, बक्सर का अपेक्षित विकास अब तक नहीं हो सका है. इसके लिए सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा. पूर्व डीजीपी सह जदयू नेता के इस बयान को कुछ लोग उनके राजनीतिक अभियान से भी जोड़कर देख रहे हैं. लोगों का मानना है कि उन्होंने आगामी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं.


भगवान राम की यूनिवर्सिटी का नहीं हुआ है काशी की तरह विकास : राजा रामशरण दास

महंत राजा राम शरण दास महाराज ने कहा कि भगवान राम की शिक्षा स्थली या आजकल की भाषा में श्रीराम की यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले बक्सर का विकास काशी की तरह नहीं हो सका है. यह पूछे जाने पर कि इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि इसके जिम्मेदार हम सभी हैं. महंत ने कहा कि जिस प्रकार काशी की गली-गली का विकास हो गया है उस प्रकार बक्सर का विकास बिल्कुल ही नहीं हुआ. जबकि काशी से ज्यादा महत्व का क्षेत्र बक्सर है. जहां भगवान ने शिक्षा प्राप्त की थी. उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम के कर्मभूमि कहना गलत है क्योंकि, यहां राम ने शिक्षा प्राप्त की थी. कर्म का उल्लेख तो आगे मिलता है.

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