वीडियो : पंद्रह दिनों से मौत से आंख-मिचौली खेल रहे लोग, अधिकारी कर रहे जिम्मेदारी की फेंका-फेकी ..

तक पेड़ को हटाने के संदर्भ में कोई पहल नहीं की गई. ऐसे में लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए यह पूछा कि क्या प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की कोई जिम्मेदारी नहीं है? लोगों ने कहा की दहशत में उनकी रातों की नींद उड़ गई है. यह पता नहीं कि रात को सोएंगे तो अगले दिन जिंदा बचेंगे अथवा पेड़ के नीचे ही दब कर मर जाएंगे. उधर, मामले में जानकारी लेने पर अधिकारी एक-दूसरे पर फेंका-फेकी करते नजर आएं. 



- 15 दिनों से टूटकर गिरा है पेड़, कोई देखने वाला नहीं
- लोगों ने पूछे सवाल, कहाँ गए जनप्रतिनिधि?

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के ज्योति प्रकाश चौक से यमुना चौक को जाने वाले मार्ग पर कोइरपुरवा में पूर्व विधायिका मंजू प्रकाश के घर के समीप एक विशाल नीम का पेड़ जड़ों से कमजोर हो जाने की वजह से धराशाई हो गया और एक मकान पर जा गिरा संयोग से पेड़ पूरी तरह नहीं गिरा जिसके कारण कोई बड़ा हादसा तो नहीं हुआ लेकिन, अब भी लोगों के सिर पर मौत मंडराने जैसी स्थिति बनी हुई है. आश्चर्य की बात यह है कि स्थानीय लोगों के द्वारा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तथा वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद अब तक पेड़ को हटाने के संदर्भ में कोई पहल नहीं की गई. ऐसे में लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए यह पूछा कि क्या प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की कोई जिम्मेदारी नहीं है? लोगों ने कहा की दहशत में उनकी रातों की नींद उड़ गई है. यह पता नहीं कि रात को सोएंगे तो अगले दिन जिंदा बचेंगे अथवा पेड़ के नीचे ही दब कर मर जाएंगे. उधर, मामले में जानकारी लेने पर अधिकारी एक-दूसरे पर फेंका-फेकी करते नजर आएं. ऐसे में यह समस्या दूर होगी अथवा किसी की जान लेने के बाद ही प्रशासन की नींद खुलेगी, यह साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता. 



लोगों का आरोप, संवेदनहीन हैं पदाधिकारी : 

स्थानीय निवासी अखिलेश कुमार तथा राज सिंह बताते हैं कि पंद्रह दिनों से गिरे इस पेड़ को हटाने के लिए अधिकारियों ने कोई पहल नहीं करते हुए बिल्कुल ही संवेदनहीन रवैया अपनाया है आश्चर्य की बात तो यह है कि जो जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए दरवाजे पर घूमते नजर आते हैं उनके द्वारा भी संदर्भ में कोई पहल नहीं की गई. 

नप कार्यपालक पदाधिकारी ने भेजा पत्र, वन रक्षी को मिला नहीं :

नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को पत्र लिख कर स्थिति से अवगत कराया है. जबकि वन रक्षी टी पी सिंह का कहना है कि उन्हें अब तक कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि उन्होंने बताया कि पेड़ गिरे होने की जानकारी उन्हें मिली थी जिसके बाद उन्होंने पेड़ का मुआयना करवाया लेकिन, उन्हें पेड़ काटने के लिए डीएफओ की अनुमति लेनी होगी जो कि आरा में बैठते हैं.

इओ या सीओ कर सकती हैं पहला - वन रक्षी

लगे हाथ वन रक्षी ने यह भी कह दिया कि पेड़ हटाने में तो नप कार्यपालक पदाधिकारी व अंचलाधिकारी भी सक्षम हैं लेकिन, अब जब मामला उनके संज्ञान में आया है तो वह पुनः एक बार मुआयना करेंगे और पेड़ कैसे हटाया जाए इस पर विचार करेंगे.

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