वीडियो : सदर प्रखंड के कुल्हड़िया में दिल्ली-मुंबई जैसे हालात, रात से ही लाइन में लग जा रहे ग्रामीण ..

गांव में दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों की तरह के हालात हो गए हैं यहां पर लोगों को इन दिनों भीषण जल संकट से गुजरना पड़ रहा है भूगर्भ का जलस्तर भाग जाने के कारण गांव के सभी चापानल पानी देना बंद कर चुके हैं.






- खिसक गया भूगर्भ का जलस्तर सूख गए चापानल
- सबमर्सिबल से पानी लेने के लिए लग रही लंबी कतार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर प्रखंड के जगदीशपुर पंचायत के कुल्हड़िया गांव में दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों की तरह के हालात हो गए हैं यहां पर लोगों को इन दिनों भीषण जल संकट से गुजरना पड़ रहा है भूगर्भ का जलस्तर भाग जाने के कारण गांव के सभी चापानल पानी देना बंद कर चुके हैं. ऐसे में लोग गांव के दूसरे छोर से एक निजी सबमर्सिबल के माध्यम से पानी लेने के लिए रात बाकि रहते ही लाइन में लग जाते हैं और कर बाल्टियों के माध्यम से पानी लाकर किसी तरह अपना जीवन बसर कर रहे हैं. 




स्थानीय निवासी राजकुमार बताते हैं कि इस तरह की स्थिति पिछले कई दिनों से बनी हुई है. चापाकल मरम्मत के लिए भी कई बार संबंधित अधिकारियों को कहा गया लेकिन, उनके तरफ से भी कोई पहल नहीं की गई. सात निश्चय योजना से हर घर नल के जल का सपना अभी सपना ही है. ऐसे में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते गए. 

मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी दीपचंद जोशी से बात करने पर उन्होंने कहा कि वह स्थिति का पता लगा रहे हैं. पीएचइडी के अधिकारियों से बात कर इस जल संकट से कैसे निपटा जाए इस पर भी कार्य किया जाएगा.


इस कारण से खत्म हो रहा भूगर्भ का अमृत ;

पर्यावरण प्रेमी राजेश कुमार बताते हैं कि यह स्थिति भविष्य का दर्पण दिखा रही है. भविष्य में ऐसे ही हालात हर जगह होने वाले हैं. लोग अभी सचेत नहीं हुए तो एक गांव नहीं बल्कि जिले भर में ऐसी स्थिति सामने आ सकती है. राजेश के मुताबिक लोग भूगर्भ जल का प्रयोग अपनी कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल, साइकिल और मवेशियों को धोने के लिए कर रहे हैं. इतना ही नहीं नगर में धड़ल्ले से खुले आरो वाटर प्लांट भी जल को शुद्ध करने के नाम पर प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बहा दे रहे हैं. 

जल संचयन के लिए लोगों को आना होगा आगे :

उन्होंने कहा कि लोगों को भूगर्भ से निकलने वाले इस अमृत की कीमत पहचाननी होगी. जल संचयन के लिए जो सरकारी योजनाएं बन रही हैं. उसके अतिरिक्त लोगों को जल संचयन की योजना बनानी होगी, पानी का सोच समझकर इस्तेमाल करना होगा तभी हम अगली पीढ़ी को पीने का शुद्ध जल दे पाएंगे.

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