वीडियो : पॉवर प्लांट के लिए वॉटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरु, आज किसानों के भ्रम को दूर करेंगे एसडीएम ..

सोमवार की दोपहर 1320 मेगावाट चौसा थर्मल पॉवर प्लांट के वाटर पाइप लाइन के लिए गंगा नदी के किनारे थर्मल पॉवर प्लांट के अधिकारी, बक्सर के डीसीएलआर, एएसडीएम, सर्किल इंस्पेक्टर तथा भारी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी से कार्य आरंभ किया गया.





- महादेवा घाट के पास से बिछाया जा रहा है वॉटर पाइप लाइन
- मुआवजे की मांग को लेकर भड़के थे किसान, एसडीएम के समझाने पर माने

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : चौसा के महादेवा घाट के समीप वाटर पाइप लाइन बिछाने के लिए सोमवार को कार्य आरंभ कर दिया गया यह वाटर पाइप लाइन चौसा पावर प्लांट के लिए लगाई जा रही है जिसमें गंगाजल पावर प्लांट तक पहुंचाया जाएगा सोमवार को जैसे ही इस जमीन के द्वारा कार्य आरंभ किया गया किसान आक्रोशित हो गए और काम रोकने के लिए पहुंच गए उनका कहना था कि उन्हें कंपनी के द्वारा वर्ष 2013 के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है जबकि यह उसी वक्त मिल जाना चाहिए था अब चूंकि मुआवजा देने में काफी विलंब हो गया है ऐसे में उन्हें वर्ष 2022 के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए. हंगामे की सूचना पर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गोरख राम तथा अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया. किसानों ने कहा कि वह विकास कार्य में निश्चय ही सहयोग करेंगे. बाद में अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा किसानों को मंगलवार को अपने कार्यालय में आने की बात कहीं गई जहां उनके साथ बैठक कर उनकी बातों को समझने और मामले के निराकरण का प्रयास होगा. 


अनुमंडल पदाधिकारी का कहना है कि किसानों के समक्ष भ्रम जैसी स्थिति थी जिसे दूर किया गया है और उनके साथ बैठक कर उन्हें और भी अच्छी तरह समझाया जाएगा. साथ ही उन्हें यह भी बताया जाएगा कि वह अपनी बात उचित फोरम पर कैसे रख सकते हैं.

दरअसल, सोमवार की दोपहर 1320 मेगावाट चौसा थर्मल पॉवर प्लांट के वाटर पाइप लाइन के लिए गंगा नदी के किनारे थर्मल पॉवर प्लांट के अधिकारी, बक्सर के डीसीएलआर, एएसडीएम, सर्किल इंस्पेक्टर तथा भारी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी से कार्य आरंभ किया गया. इस बात की जानकारी मिलते ही एक साथ सैकड़ों किसान मौके पर पहुंच गए और बिना मुआवजा दिए काम करने का आरोप लगाते हुए विरोध करने लगे. किसानों ने कहा कि अधिकारियों के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है.

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