कहा कि जिला पदाधिकारी का जीवन निश्चित रूप से आम आदमी के जीवन से ज्यादा मूल्यवान है. ऐसे में यदि उनकी जान बचना बेहद जरूरी है लेकिन, सवाल यह है कि यदि आम आदमी की जान जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
- वन विभाग के रेंज ऑफिसर ने कहा, जल्द ही हटाया जाएगा पेड़
- कोइरपुरवा के लोगों ने उठाए व्यवस्था पर सवाल कहा, मौत के साए में जी रहे
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय में एक पुराना इमली का पेड़ भरभरा कर गिर पड़ा. पेड़ कमजोर हो चुका था. बारिश और हवाओं के कारण उसकी एक बड़ी टहनी तेज आवाज करते हुए जमीन पर आ गिरी. संयोग यह था कि जिस वक्त वक्त टूटकर गिरा उस वक्त आस-पास कोई भी नहीं था. जिस जगह पर गिरा वहीं पर जिला पदाधिकारी पार्क होती है संयोग से उनकी गाड़ी भी वहां नहीं थी. ऐसे में एक बड़ा हादसा टल गया.
इस घटना के बाद वन विभाग के रेंज ऑफिसर टी पी सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि तुरंत ही समाहरणालय परिसर से पेड़ हटाया जाएगा लेकिन, दूसरी तरफ कोई कोइरपुरवा मोहल्ले में पिछले 15 अगस्त से टूटकर गिरे नीम का पेड़ को हटाने के संदर्भ में एक बार फिर उन्होंने टालमटोल वाली बातें कहीं. उन्होंने कहा कि कोइरपुरवा मोहल्ला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है लेकिन, समाहरणालय परिसर कैसे उनके अधिकार क्षेत्र में है यह बताने में वह हकलाने लगे.
लोगों ने कहा, डीएम का जीवन आम आदमी से ज्यादा महत्वपूर्ण :
इस घटना के स्थानीय लोगों ने व्यंग्यात्मक तरीके से व्यवस्था पर प्रहार किया और कहा कि जिला पदाधिकारी का जीवन निश्चित रूप से आम आदमी के जीवन से ज्यादा मूल्यवान है. ऐसे में यदि उनकी जान बचना बेहद जरूरी है लेकिन, सवाल यह है कि यदि आम आदमी की जान जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
मकान के सहारे टिका है पेड़, कभी भी दबकर हो सकती है लोगों की मौत :
पूर्व के वार्ड संख्या 32 तथा वर्तमान वार्ड संख्या 19 की पूर्व पार्षद मीरा देवी, स्थानीय निवासी लक्ष्मण सिंह समेत तमाम लोगों ने यह कहा के अधिकारियों के यहां दौड़ लगाते-लगाते थक चुके हैं लेकिन इस पेड़ को हटाने के लिए ना तो नगर परिषद और ना ही वन विभाग के अधिकारियों ने कोई पहल की. यहां पर स्थानीय निवासी लोहिया जी के मकान पर टिका हुआ है लेकिन वहां से टूटकर कब किसी के शरीर पर आ गिरे और पेड़ के नीचे दबकर किस की मौत हो जाए यह देखने वाली बात होगी.
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