भारी भीड़ को अनुमंडल कार्यालय में प्रवेश की अनुमति तो नहीं मिल रही है लेकिन मैट्रिक की परीक्षा में चिटखोरी के अनुभव प्राप्त प्रख्यात प्रत्याशी तथा उनके चाहने वाले टूटी हुई बाउंड्री वॉल प्रथा गुप्त द्वार का पता लगाते हुए अनुमंडल कार्यालय में प्रवेश कर अपने आप को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं.
- बड़ी तिलस्मी है नगर परिषद की तिजोरी तक पहुंचने की कहानी
- विकास का सही मतलब जानने और बताने की कोशिश कर रहे प्रत्याशी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर निकाय चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया जारी है. नामांकन के लिए समाज सेवा का चोला ओढ़कर लोगों को गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग, जन्मदिन, विवाह वर्षगाँठ के साथ-साथ सभी प्रमुख और अनजाने त्योहारों की व्हाट्सएप और फेसबुक पर वर्चुअल बधाई देने वाले लोग अब अपने "रबर स्टैम्प" प्रत्याशी के साथ फिजिकल मोड में नामांकन के लिए लगातार अनुमंडल कार्यालय में ठेला-ठेली कर रहे हैं. इसके पूर्व "नो ड्यूज सर्टिफिकेट" के लिए भी वह नगर परिषद कार्यालय में कड़ी मशक्कत करते देखे जा रहे हैं. नगर परिषद के अलग-अलग टेबल और काउंटरों पर चक्कर लगाने के बाद "नो ड्यूज" प्रमाण पत्र प्राप्त कर उनके चेहरे पर ऐसी तिलिस्मी खुशी देखी जा रही है जैसे कि चंद्रकांता धारावाहिक के अय्यारों के चेहरे पर भी नहीं होती थी.
नामांकन के लिए पहुंचने वाले लोगों में प्रत्याशी के साथ केवल समर्थक एवं प्रस्तावक आने की जानकारी प्रशासन के द्वारा बार-बार दी गई है लेकिन, इसे अपने "भोगौलिक अधिकारों का हनन" मानते हुए प्रत्याशी अपने गले में फूल-मालाओं का भारी भरकम बोझ उठाए हुए स्वजनों तथा जुगाड़ लगा कर जुटाए गए आस-पड़ोस के जनसमूह के साथ नगर भ्रमण करते हुए अनुमंडल कार्यालय तक पहुंच रहे हैं. हालांकि भारी भीड़ को अनुमंडल कार्यालय में प्रवेश की अनुमति तो नहीं मिल रही है लेकिन मैट्रिक की परीक्षा में चिटखोरी के अनुभव प्राप्त प्रख्यात प्रत्याशी तथा उनके चाहने वाले टूटी हुई बाउंड्री वॉल प्रथा गुप्त द्वार का पता लगाते हुए अनुमंडल कार्यालय में प्रवेश कर अपने आप को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं.
उधर, नगर थाने के कथित जांबाज़ थानेदार के नेतृत्व में तकरीबन पांच से सात की संख्या में भारी पुलिस बल भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पसीना बहाते नजर आ रहे थे हालांकि, वह पसीना बहा रहे हैं अथवा बारिश के पानी से भीग जा रहे हैं यह शोध का विषय है. जिसके लिए जीएनएम कॉलेज के स्टूडेंट वहां पढ़ाई शुरू होने के बाद प्रयास शुरु करेंगे.
मीडिया संस्थानों के द्वारा विज्ञापन के प्रेशर से परेशान पत्रकारों की टोली भी लगातार कुछ अलग हटके ढूंढने की जुगत लगा रही है. पत्रकारों को देखते ही कई प्रत्याशी ऐसी हरकतें करते भी देखे जा रहे हैं जिससे कि किसी तरह उनका चेहरा वीडियो और फोटो में आ जाए. लेकिन संस्थान के दिशा-निर्देश के आलोक में पत्रकार भी मुफ्तखोरों को कैमरे के फ्रेम से बाहर करने में कामयाब हो जा रहे हैं.
इसके अतिरिक्त मोबाइल पत्रकारों की टोली भी कुछ ज्यादा का वादा करने वाले प्रत्याशियों की चिकनी-चुपड़ी बातों में फंस कर उन्हें जीत की अग्रिम बधाई देते हुए केवल यह पता लगाने की कोशिश में लगी हुई कि आखिर जीतने के बाद वह क्या करने वाले हैं? नगर परिषद के खजाने से अपनी तिजोरी भरने की चाहत रखने वाले प्रत्याशी विकास की बातें तो खूब कर रहे हैं लेकिन, विकास किसका पुत्र है यह बात भी वह साफ-साफ नहीं बता पा रहे हैं.
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