पिछली बार जहां तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने इसका शिलान्यास किया था वहीं, अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा सूबे के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शुक्रवार 21 अक्टूबर को एक बार फिर इसका शिलान्यास करने जा रहे हैं.
- स्वीकृति व शिलान्यास के बाद निर्माण की राह देख रहा है मेडिकल कॉलेज अस्पताल
- 500 बेड के कॉलेज के लिए खर्च होंगे 515 करोड़ रुपये
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : वर्ष 2016 में स्वीकृति व 2019 में शिलान्यास के बाद अब तक निर्माण की राह देख रहे डुमरांव मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का एक बार फिर शिलान्यास होने जा रहा है. 500 बेड के इस कॉलेज निर्माण के लिए 515 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई है. पिछली बार जहां तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने इसका शिलान्यास किया था वहीं, अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा सूबे के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शुक्रवार 21 अक्टूबर को एक बार फिर इसका शिलान्यास करने जा रहे हैं. दिन में 11:30 बजे वह वर्चुअल माध्यम से इसका उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में बक्सर से स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद रहेंगे.
वर्ष 2016 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए जो प्रस्ताव दिया था, उस पर राज्य सरकार ने सहमति दे दी थी. भवन का निर्माण वर्ष 2021 तक पूरा होना था वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने इसका शिलान्यास भी कर दिया लेकिन अब तक भवन की एक ही नहीं जुड़ी. जबकि कॉलेज के लिए डुमरांव में हरियाणा फॉर्म की 25 एकड़ जमीन दी गई जिसके बाद भूमि हस्तानांतरण पर पशुपालन विभाग ने सैद्धांतिक सहमति दे दी और भूमि हस्तानांतरण का प्रस्ताव तत्कालीन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया.
वास्तुविदों ने कर लिया है स्थल का निरीक्षक, न्यायालय में मामला जाने के कारण फंसा पेंच :
मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के लिए वास्तुविदों की टीम ने स्थल का निरीक्षण किया. बाद स्वास्थ विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज,अस्पताल, छात्रावास, एवं रैनबसेरा के भवन निर्माण के लिए बिहार मेडिकल सर्विस एण्ड इन्फ्रास्क्ट्रचर को जिम्मेवारी दी गई. भवनों का नक्शा तैयार करने की जिम्मेवारी नई दिल्ली की कुपेजा आर्किटेक्टर को सौंपी गई थी. कुपेजा आर्किटेक्टर टीम के सदस्य दीपक मोदी एवं अमित कुमार के सहयोग से डिजाइन ड्राइंग तैयार कर निर्माण के लिए अधिकृत सरकारी एजेंसी को सौंपा गया लेकिन, इसके बाद निविदा की प्रक्रिया कानूनी पेंच में फंसा गया. बताया जा रहा है कि रेट को लेकर संवेदक न्यायालय में चला गया था जिसके बाद कार्य शुरु नहीं हो सका. डुमरांव विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह की माने तो मामले में उच्च न्यायालय के द्वारा मामले में फैसला आ चुका है और अब निर्माण में कोई अड़चन नहीं है.
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