पूछताछ कुख्यात टूट गया और उसने यह स्वीकार कर लिया कि वही मुन्ना राजभर है. एसपी ने बताया कि फिलहाल दोनों अपराधियों को जेल भेज दिया गया है लेकिन, जल्द ही पुलिस मुन्ना राजभर को रिमांड पर लेगी और पूछताछ कर सभी मामलों का उद्भेदन करने का प्रयास करेगी.
- पकड़ा गया मुन्ना राजभर तो खुलने लगे कई राज
- रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही पुलिस
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : वर्ष 2017 से फरार हत्यारोपी मुन्ना राजभर की की तलाश पुलिस बिना किसी तस्वीर के कर रही थी और वह राजपुर थाना क्षेत्र मे नए नाम और पते के आधार पर घूम रहा था लेकिन, उसके आतंक के कारण कोई भी उसके बारे में बोलना नहीं चाह रहा था. मुन्ना की गिरफ्तारी मामले में एसपी नीरज कुमार सिंह ने पत्रकारों से जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017 से लेकर 2020 तक कई हत्याओं तथा आर्म्स एक्ट के मामले में आरोपित कुख्यात मुन्ना राजभर ने अपनी पहचान को छिपाने के लिए अपना नाम और पता दोनों बदल लिया तथा उसने इस नाम से आधार कार्ड पैन कार्ड तथा मतदाता पहचान पत्र भी बना लिया. वह माया शंकर राम के नाम से पहचान पत्र लेकर घूम रहा था. जब उसे पकड़ा गया तो पुलिस को चकमा देने के लिए उसने अपना यही नाम बताया लेकिन, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और जब कठोरता से पूछताछ की गई तो उसने यह स्वीकार कर लिया है कि वही मुन्ना राजभर है.
एसपी ने बताया कि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक मुन्ना के विरुद्ध यूपी-बिहार में हत्या के छह मामले दर्ज हैं. उसके भय से उसके विरुद्ध जानकारी देने वाला भी कोई नहीं था. शातिर अपराधी पुलिस से बचने के लिए दूसरों के मोबाइल फोन लेकर धमकी व रंगदारी की मांग करता था. कई नेताओं व्यवसायियों तथा अन्य लोगों से भी वह नियमित रूप से वसूली किया करता था. इसी क्रम में वह राजपुर के लक्ष्मण डेरा तथा अन्य जगहों पर आता-जाता रहता था. पुलिस लगातार उसे पकड़ने का प्रयास कर रही थी लेकिन, पुलिस के पास ना तो उसकी तस्वीर थी और ना ही पुलिस को सटीक सूचना मिल पा रही थी लेकिन, शुक्रवार की शाम तकरीबन 6:15 बजे यह सूचना मिली कि वह लक्ष्मण डेरा में आने वाला है, जिसके बाद पुलिस ने सड़क पर वाहनों की जांच शुरु की.
रात्रि तकरीबन 7:30 बजे वह अपने एक सहयोगी इटाढ़ी के घरारी निवासी देव कुमार पांडेय के पुत्र अजय कुमार पांडेय के साथ बाइक पर सवार होकर आता हुआ दिखाई दिया बाइक रोककर जब इनसे पूछताछ की गई तो बाइक चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम विजय कुमार पांडेय जबकि मुन्ना राजभर ने अपना नाम दिल्ली के अशोक नगर निवासी रामचंद्र राम का पुत्र माया शंकर राम बताया लेकिन पुलिस ने दोनों को अपनी अभिरक्षा में ले लिया और फिर पूछताछ शुरु की. पूछताछ कुख्यात टूट गया और उसने यह स्वीकार कर लिया कि वही मुन्ना राजभर है. एसपी ने बताया कि फिलहाल दोनों अपराधियों को जेल भेज दिया गया है लेकिन, जल्द ही पुलिस मुन्ना राजभर को रिमांड पर लेगी और पूछताछ कर सभी मामलों का उद्भेदन करने का प्रयास करेगी.
दो कट्टा व 14 कारतूस बरामद :
एसपी ने बताया कि मुन्ना राजभर राजपुर में 18 अक्टूबर 2020 को हुई दो हत्याओं यूपी के सोहावल में उसी वर्ष हुई एक हत्या, दिलदारनगर में भी वर्ष 2020 में ही हुई एक हत्या के साथ साथ वर्ष 2017 में राजपुर थाना क्षेत्र में हुई हत्या एवं वर्ष 2018 में राजपुर थाना क्षेत्र में ही हुई एक हत्या में वांटेड था. उसके पास से 315 बोर के दो देशी कट्टे 14 जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल, दो मोबाइल फोन तथा माया शंकर राम के नाम पर निर्गत आधार कार्ड, पैन कार्ड निर्वाचन पहचान पत्र तथा एटीएम आदि मिले हैं.
ये थी पुलिस टीम :
एसपी ने बताया कि कुख्यात अपराधी कर्मी को पकड़ने में मुख्यालय डीएसपी के साथ-साथ एसडीपीओ गोरख राम, राजपुर थानाध्यक्ष युसूफ अंसारी, डीआइयू प्रभारी राजेश मालाकार, पुलिस अवर निरीक्षक रंजीत कुमार, कृष्णा सिंह, सहायक अवर निरीक्षक उमाशंकर गुप्ता, डीआइयू के छापेमारी दल एवं राजपुर थाने की पुलिस शामिल थी.
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