यह दावा किया गया था कि छठ के पूर्व सभी घाटों की साफ सफाई के साथ-साथ दलदल वाली जगह पर बालू की बोरियां भर कर डाली जाएंगी लेकिन अब जब शुक्रवार को नहाए-खाए के साथ चार दिवसीय महा अनुष्ठान शुरु होने वाला है उसके एक दिन पूर्व तक ना तो गंगा घाटों पर दलदल से बचने का कोई उपाय किया गया और ना ही अन्य इंतजाम किए गए.
गोला घाट |
- घाटों पर पसरी दिखी गंदगी, आदर्श घाट पर शौचालय-मूत्रालय तक नहीं
- दलदल में नहीं डाली गई बालू की बोरियां, सीसीटीवी महीनों से बंद
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर नगर परिषद के द्वारा साफ-सफाई के तमाम दावे उस वक्त खोखले साबित हो गए जब नगर के विभिन्न घाटों के साथ-साथ आदर्श घाट बनाए गए रामरेखा घाट पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया गया. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि साफ-सफाई की क्या व्यवस्था है? इसके अतिरिक्त नगर के तमाम गंगा घाट अभी भी खतरनाक बने हुए हैं क्योंकि, विभिन्न घाटों पर जल स्तर बढ़ने के कारण गंगा की जो सिल्ट जमा हुई है वह दलदल का रूप ले चुकी है.
नगर परिषद के द्वारा यह दावा किया गया था कि छठ के पूर्व सभी घाटों की साफ सफाई के साथ-साथ दलदल वाली जगह पर बालू की बोरियां भर कर डाली जाएंगी लेकिन अब जब शुक्रवार को नहाए-खाए के साथ चार दिवसीय महा अनुष्ठान शुरु होने वाला है उसके एक दिन पूर्व तक ना तो गंगा घाटों पर दलदल से बचने का कोई उपाय किया गया और ना ही अन्य इंतजाम किए गए.
रामरेखा घाट पर शौचालय मूत्रालय की व्यवस्था नहीं |
घाटों पर नहीं है शौचालय और मूत्रालय, सीसीटीवी कैमरे कई महीनों से बंद :
स्थानीय पुजारी लाला बाबा, रामायण पांडेय तथा अन्य पुजारियों ने बताया कि रामरेखा घाट पर शौचालय मूत्रालय की व्यवस्था नहीं है ऐसे में यहां पहुंचने वाले लोगों खासकर महिलाओं को काफी दिक्कत होती है इस संदर्भ में कई बार जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई गई लेकिन उनके द्वारा इस के संदर्भ में कोई पहल नहीं की गई ऐसे में इस तरह रामरेखा घाट पर सीसीटीवी ना होने से लोग छठ में स्वयं को असुरक्षित महसूस करेंगे वही शौचालय और मूत्रालय नहीं होने के कारण लोगों को भारी कष्ट का सामना करना पड़ेगा.
गुरुवार की शाम में ली गई गोला घाट की तस्वीर |
हर महीने घाटों की सफाई के लिए 11 लाख, फिर भी पसरी गंदगी :
निवर्तमान वार्ड पार्षद राकेश सिंह बताते हैं कि गंगा घाटों की सफाई के लिए हर महीने 11 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके छठ पर एक बार फिर गंगा घाटों की सफाई की जा रही है, जिसके लिए लाखों रुपयों का बिल बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि बैरिकेडिंग में पतले-पतले बांसों का प्रयोग किया जा रहा है. वह भी गहरे पानी में गाड़े जा रहे हैं, जिनका कोई मतलब ही नहीं है. निश्चित रूप से यह जनता के पैसों का बड़ा घोटाला है.
नमामि गंगे योजना से लग रहे लाइट |
नमामि गंगे योजना से जगमग होंगे दो आदर्श घाट :
रामरेखा घाट को आदर्श घाट बनाने में नमामि गंगे का भी सहयोग मिल रहा है नमामि गंगे के कर्मी शशि सिंह ने बताया कि रामरेखा घाट और नाथ बाबा घाट को मिला कर कुल 36 सोलर पैनल वाली लाइट लगाई जा रही है जबकि तीन इलेक्ट्रिक हाई मास्ट लाइट लगाई गई हैं. सभी लाइट्स कार्य कर रही है इन्हें अब नगर परिषद के हवाले कर दिया गया है वही इनकी देखरेख करेगी.
मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह कार्यालय में नहीं मिली. उनके मोबाइल फोन पर भी संपर्क नहीं हो सका. बहरहाल, जो स्थिति बनी हुई है वह निश्चित रूप से खतरनाक है. बक्सर टॉप न्यूज़ अपने सभी पाठकों से अनुरोध करता है कि वह गंगा घाट पर बेहद सतर्कता के साथ जाएं प्रशासन के द्वारा जो भी व्यवस्थाएं की गई हैं उन्ही से संतुष्ट होकर अपनी सुरक्षा के प्रति स्वयं भी सजग रहें.
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