डेंगू से डुमरांव के युवक की मौत, मचा हड़कंप ..

कहना है कि डुमराव में डेंगू के अनेक मामले सामने आए हैं लेकिन प्रशासन इसका इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम करने की जगह इन मामलों को दबाने और आंकड़ों के हेरफेर में ही जुड़ा हुआ है. डुमरांव के लगभग हर गली मोहल्ले में डेंगू के मरीज मिल जाएंगे लेकिन यहां जांच की किट भी सीमित मात्रा में ही है.






- दो दिन पहले अनुमंडलीय अस्पताल से हुआ था रेफर
- सामाजिक कार्यकर्ता ने उठाए इलाज और सफाई व्यवस्था पर सवाल

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डुमरांव निवासी एक युवक की डेंगू से मौत हो गई है. उसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा था. जहां से परिजनों उसे बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र ले जाने की कोशिश करने लगे लेकिन, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद युवक के परिजनों तथा आस-पड़ोस के लोगों के बीच हड़कंप का माहौल कायम हो गया है. मामले में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ का कहना है कि उनकी जानकारी में इस तरह का नहीं आया है. जिले में डेंगू के कितने मरीज हैं इसकी अद्यतन जानकारी भी सोमवार को ही दी जा सकती.






घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक डुमरांव के छठिया पोखरा निवासी भरत गुप्ता (42 वर्ष) को तीन दिनों से डेंगू के लक्षण थे. दो दिन पहले डुमरांव के ही एक निजी अस्पताल में इलाज कराने गया था। जहा उसमें डेंगू के लक्षण देख डाक्टर ने उसे अनुमंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया था. वहां भी उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसे पटना रेफर कर दिया गया था. उसके भाई राजकुमार गुप्ता ने बताया कि डेंगू की पुष्टि होने तथा रेफर होने के बाद पटना पीएमसीएच में उसे भर्ती कराया गया लेकिन, वहां भी समुचित इलाज नहीं मिल रहा था तथा उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी, जिसे देखते हुए घरवाले शनिवार को उसे पटना से लेकर यूपी के मऊ जाने लगे. लेकिन प्लैटलेट्स के तेजी से घटने के कारण रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. राजकुमार ने बताया कि निजी अस्पताल में भरत गुप्ता का प्लैटलेट्स काउंटिंग 53 हजार था, जबकि पटना में हुए जांच का रिपोर्ट भी नहीं मिल पाई है.

इलाज के प्रबंध नहीं बल्कि आंकड़ों के हेरफेर में जुटा है प्रशासन, नगर में चारों ओर पसरी है गंदगी :

सामाजिक मंच के संयोजक प्रदीप शरण का कहना है कि डुमराव में डेंगू के अनेक मामले सामने आए हैं लेकिन प्रशासन इसका इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम करने की जगह इन मामलों को दबाने और आंकड़ों के हेरफेर में ही जुड़ा हुआ है. डुमरांव के लगभग हर गली मोहल्ले में डेंगू के मरीज मिल जाएंगे लेकिन यहां जांच की किट भी सीमित मात्रा में ही है. उन्होंने बताया कि डुमरांव में चारों तरफ गंदे जल का जमाव है. नगर परिषद प्रशासन सफाई व डेंगू से लड़ने के लिए दवा छिड़काव का दावा करता है लेकिन, इसका जमीनी हकीकत कुछ और ही है.







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