भगवान विष्णु के अवतार थे. चाहते तो एक क्षण में रावण की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे. मगर समाज को संदेश देने के उद्देश्य से श्री राम ने अपने सभी सुखों का त्याग की किया. सभी लोगो को आगे करने का कार्य किया. उनके साथ सभी को कर्म करना पड़ा. कष्ट सहना पड़ा तब जाकर इस धरती को रावण जैसे कई दुष्टों से मुक्ति मिली.
- सनातन संस्कृति समागम में पहुंचे थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत
- कार्यक्रम में संतों की वाणी को श्रोताओं ने किया आत्मसात
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बक्सर के अहिल्या धाम में आयोजित सनातन संस्कृति समागम में आयोजित धर्म सम्मेलन पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना पड़ेगा. कष्ट सहना पड़ेगा. तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा. मन में राम रखो, जप करो, कर्म करो, धर्म करो, जैसे किसान कर्म करता है तो ही सभी का भला होता है. उन्होंने कहा कि संत दूसरे के लिए कार्य करते हैं. उनके मन में अपने लिए कुछ भी नही रहता है. इसीलिए संतो की इच्छा और वाणी का सम्मान ईश्वर भी रखते हैं और कहा भी गया है कि होइहे वही जो राम रची राखा. हालांकि इसके लिए कर्म और पुरुषार्थ करने की आवश्यकता है.
दरअसल, आरएसएस के वक्तव्य के पूर्व संत सम्मेलन के दौरान संतो ने कहा कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में जिस प्रकार धारा 370 हटाई गई, राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ उसी प्रकार पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने के साथ ही यह भी लक्ष्य रखा जाए कि रामराज्य के समय जिस प्रकार भारत अखंड था उसी प्रकार का अखंड भारत फिर से बन जाए. इसी के जवाब में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इच्छा पूरी करने के लिए कर्म करना पड़ता है. पुरुषार्थ और त्याग करना पड़ता है. श्री राम ने अपने जीवन में ये सभी कार्य किए हैं. वह भगवान विष्णु के अवतार थे. चाहते तो एक क्षण में रावण की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे. मगर समाज को संदेश देने के उद्देश्य से श्री राम ने अपने सभी सुखों का त्याग की किया. सभी लोगो को आगे करने का कार्य किया. उनके साथ सभी को कर्म करना पड़ा. कष्ट सहना पड़ा तब जाकर इस धरती को रावण जैसे कई दुष्टों से मुक्ति मिली.
पाक अधिकृत कश्मीर और चीन द्वारा कब्जा की गई जमीन होगी भारत की : स्वामी रामभद्राचार्य
इसके पूर्व संत रामभद्राचार्य महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि बक्सर वासियों अब याचना नही रण होगा. संग्राम बड़ा भीषण होगा. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, चीन द्वारा कब्जाई गई 800 वर्ग मील भूमि बहुत जल्द भारत का अंग होगा. राष्ट्रीय समस्याओं पर सभी संतो का एक मत होना चाहिए. कुछ लोग धर्म परिवर्तन करा रहे है लेकिन हमें अब परावर्तन यानी घर वापसी करानी चाहिए.
समरसता सद्भावना सहयोग और समर्पण के प्रतीक हैं राम : संत ज्ञानानंद
संत ज्ञानानन्द जी महाराज जी ने कहा कि राम समरसता, सद्भावना, सहयोग और समर्पण के प्रतीक हैं. उन्होंने निषादराज केवट को भ्राता कहा तो शबरी को माता आज पूरे मानवता के कल्याण के लिए केवल एक ही शब्द है "राम". श्रीराम के जैसा आचरण ही हम सभी के कल्याण का आधार है.
भगवान वामन की धरती से लें पौधरोपण का संकल्प : चिदानंद सरस्वती
पूज्य स्वामी श्री चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज हमें बाहर और भीतर के पर्यावरण को बचाने हेतु अधिक से अधिक पेड़ लगानी चाहिए. मैं इस बावन भगवान की जन्मभूमि से जिन्होने इस धरती को बचाने के लिए ही राजा बलि से तीन पग भूमि मांग कर उन्हे पाताल लोक भेजा. आज मैं आप सभी से धरती को बचाने का आग्रह करता हूं. चिदानंद सरस्वती महाराज ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा आयोजित इस आयोजन हेतु उनकी प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने सामाजिक जीवन में होते हुए भी इतने संतो को एक मंच पर लाने का सफल कार्य किया.
समस्याओं की करनी होगी कीमोथेरेपी : जूनागढ़ अखाड़ा स्वामी महाराज
जूनागढ़ अखाड़ा के स्वामी जी महाराज ने कहा कि कैंसर की बीमारी को खत्म करने के लिए ऑपरेशन करना पड़ता है उसके बाद भी कुछ टिसू बच जाते है जिन्हे कीमोथेरेपी करके मारा जाता है उसी प्रकार देश की कई समस्याओं का आपरेशन तो किया गया मगर कीमोथेरेपी नही की गई उसके बाद बार बार कैंसर रूपी समस्या देश के सामने आ रही है उन्होंने खत्म करने के लिए अब आवश्यकता है कीमो थिरेपी की.
बक्सर की धरा पर भगवान विष्णु ने भी किया था तप : रामविलास वेदांता
रामविलास वेदांता जी महाराज ने कहा कि बक्सर की धारा पर सौ वर्षो तक भगवान विष्णु ने कई हजार तक ऋषि कश्यप और मां अदिति ने तपस्या की थी. जब वामन भगवान का अवतार हुआ था. इसी धरती पर महर्षि विश्वामित्र के सानिध्य में श्री राम को कई शक्तियां प्राप्त हुई तब जाकर प्रभु श्री राम ने भगवान के शिव के धनुष को खंडित कर माता सीता को प्राप्त किया.
बिहार के श्रृंगी ऋषि को राम को धरा पर लाने का श्रेय : जगतगुरु अनंताचार्य
जगत गुरु अनंताचार्य जी महाराज ने कहा की श्री राम का जन्म भले ही अयोध्या में हुआ हो मगर उन्हें धरा पर लाने के श्रेय बिहार के सृंगी ऋषि को जाता है. भारत भूमि का वैभव वापस लाने के लिए राम राज की स्थापना जरूरी है. और राम राज के लिए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना होगा. अगर बक्सर आज प्रतिज्ञा कर ले तो पूरे विश्व में शांति की स्थापना हो जायेगी. ऐसा बक्सर में भगवान श्रीराम ने महर्षि विश्वामित्र के नेतृत्व में पूर्व में ताड़का मारीच सुबाहु का अंत कर विश्व में शांति स्थापना की थी.
इसके पूर्व संत सम्मेलन जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जगतगुरु लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जगतगुरु अनंत आचार्य तथा केंद्रीय मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मंच का संचालन जगतगुरु रामानुजाचार्य श्रीलक्ष्मी प्रपन्ना जीयर स्वामी जी महाराज के द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा आर एन सिंह ने किया.
कार्यक्रम में सांसद सुशील सिंह, सांसद राम कृपाल यादव, सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश उपेंद्र तिवारी, पूर्व विधायक परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील बराला, राजेश्वर राज, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू, कृष्णानंद शास्त्री, छविनाथ त्रिपाठी, दुर्गेश सिंह, आयोजन समिति के संयोजक श्री राजेश सिंह उर्फ राघो जी, परशुराम चतुर्वेदी, श्री राम कर्मभूमि के अध्यक्ष श्री कृष्णकांत ओझा, अर्जित शाश्वत, अविरल शाश्वत, धनंजय चौबे, राजेंद्र ठाकुर, अरुण मिश्रा, प्रदीप राय, हिरामन पासवान, निर्भय राय, कतवारु सिंह, राजेंद्र सिंह, पुनीत सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, सौरभ तिवारी, विनय उपाध्याय, संजय साह, अभिषेक पाठक, सुरभि चौबे, पूनम रविदास, इंदु देवी, शीला त्रिवेदी, विनोद राय, सिद्धनाथ सिंह, जयप्रकाश राय, मिथिलेश पांडेय, मदन जी दूबे, विकाश कायस्थ, निक्कू तिवारी, अभिनंदन सिंह, दीपक सिंह, त्रिभुवन पाठक, राहुल दूबे, मलिकार्जुन राय, अक्षय ओझा, मृत्युंजय सिंह, मनोज सिंह, दीपक सिंह, सौरभ चौबे, सुजीत सिंह, अखिलेश मिश्रा, ओम जी यादव, शेखर सुमन, विवेक चौधरी, नितिन मुकेश, पंकज मिश्रा, राहुल सिंह, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे.
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